Delhi Metro: मेट्रो स्टेशनों पर यात्रियों को मिलेगी मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन की सुविधा, जानें- फायदे
Delhi Metro उपराज्यपाल अनिल बैजल ने डीएमआरसी को सभी मेट्रो स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने का निर्देश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उपराज्यपाल अनिल बैजल (Lieutenant governor Anil Baijal) ने सोमवार को मेट्रो स्टेशनों पर मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन (multi model integration) सिस्टम विकसित करने की योजना की समीक्षा के लिए एक बैठक की। जिसमें यह बात सामने आई कि यूनिफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर (UNIFIED TRAFFIC AND TRANSPORTATION INFRASTRUCTURE (PLANNING & ENGINEERING) CENTRE) ने 40 मेट्रो स्टेशनों पर यह सुविधा विकसित करने के लिए दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) द्वारा तैयार डिजाइन को मंजूरी दे दी है। उपराज्यपाल ने इन स्टेशनों पर छह माह में यह सुविधा विकसित करने के लिए डीएमआरसी को निर्देश दिया है, ताकि यात्रियों को आवागमन में सुविधा हो सके।
योजना के तहत इन सभी स्टेशनों के पास अन्य वाहनों के आवागमन के लिए जगह सुनिश्चित होगी। साथ ही पैदल चलने वालों के लिए अलग लेन बनेगी, ताकि मेट्रो स्टेशनों को जाम मुक्त किया जा सके। उपराज्यपाल ने कहा कि इस योजना के तहत पैदल चलने वाले लोगों को महत्व दिया जाना चाहिए।
दरअसल, उपराज्यपाल अनिल बैजल मेट्रो स्टेशनों को मल्टी मॉडल इंटिग्रेशन सिस्टम के रूप में विकसित करने पर जोर देते रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने डीएमआरसी, ट्रैफिक पुलिस, यूटीपेक, डिम्टस सहित सभी एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें डीएमआरसी ने उपराज्यपाल को योजना की जानकारी दी। साथ यूटीपेक ने बताया कि 40 स्टेशनों पर यह सुविधा विकसित करने के लिए मंजूरी दे दी गई है। उपराज्यपाल ने अन्य स्टेशनों पर भी यह सुविधा विकसित करने की योजना तैयार करने का डीएमआरसी को निर्देश दिया।
इलेक्ट्रिक वाहनों को मिलेगी चार्जिंग की सुविधा
इस बैठक में लास्ट माइल कनेक्टिविटी की सुविधा पर भी चर्चा हुई। इसके मद्देनजर उपराज्यपाल ने डीएमआरसी को सभी मेट्रो स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट बनाने का निर्देश दिया है। इससे लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ेगा। मौजूदा समय में प्रदूषण बड़ी समस्या बनी हुई है। ऐसे में मेट्रो को फीडर सेवा के रूप में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया।
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