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दिल्‍ली के इस पार्क में आते ही आपके बच्‍चे भूल जाएंगे टीवी और मोबाइल की लत

मॉल जाने पर बच्चों को प्राकृतिक माहौल नहीं मिल पाता है। वहां जो खिलौने आदि होते हैं, वे मशीनी होते हैं। ये काफी महंगे एवं हानिकारक होते हैं। इसलिए नंदन वन बच्‍चों को अच्‍छा लगेगा।

By Edited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 10:46 PM (IST)Updated: Wed, 12 Dec 2018 05:02 PM (IST)
दिल्‍ली के इस पार्क में आते ही आपके बच्‍चे भूल जाएंगे टीवी और मोबाइल की लत
दिल्‍ली के इस पार्क में आते ही आपके बच्‍चे भूल जाएंगे टीवी और मोबाइल की लत

दिल्ली (अरविंद कुमार द्विवेदी)। बच्चों की मोबाइल व टीवी की लत छुड़ाने व उन्हें प्रकृति के करीब लाने के लिए दक्षिणी दिल्ली निगम (एसडीएमसी) ने एक खास पहल की है। एसडीएमसी ने ग्रेटर कैलाश-1 में एक करोड़ रुपये की लागत से बच्चों के लिए विशेष अम्यूजमेंट पार्क 'नंदन वन' बनाया है। पार्क इतना आकर्षक व इको फ्रेंडली है कि बच्चे तो क्या, बड़े भी इसमें समय बिताना चाहते हैं।

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प्रकृति के करीब आएंगे बच्‍चे
इस पार्क लोगों के लिए खोला दिया गया है। खिलौने से लेकर वाद्य यंत्र तक पार्क में बच्चों के लिए हाथी, जिराफ, मेंढक, छिपकली, शेर, खरगोश आदि की फाइबर व मेटल की मूर्तियां हैं, जो उन्हें प्रकृति के करीब लाने का काम करेंगी। वहीं, हरी घास व तरह-तरह के पौधे बच्चों को शुद्ध वातावरण प्रदान कर रहे हैं।

बच्‍चों के साथ बड़े भी हो रहे आकर्षित
तरबूज की शक्ल की बेंच हो या, हाथ के पंजे की शक्ल की कुर्सियां, यह सब बच्चों के साथ ही अभिभावकों को भी खूब आकर्षित करते हैं। गजीबो, पियानो आदि अच्छी क्वालिटी के वाद्ययंत्र हैं।

नंगे पैर खेलने की भी है व्‍यवस्‍था
रबर की मैटिंग पर फ्लोर गेम्स लगाए गए हैं। इन पर बच्चे नंगे पैर भी खेल सकेंगे। इसके अलावा टेबल गेम्स भी हैं। दिव्यांग बच्चों के लिए सेंसरी वॉल भी बनाई गई है। दृष्टिबाधित बच्चे भी इस दीवार पर बनी आकृतियों को छूकर महसूस कर सकेंगे। यहां वॉल होला झूला लगाया गया है, जो शायद भारत के किसी भी पार्क में नहीं है।

खेलने के लिए हैं कई गेम्‍स
इसके अलावा रोप नेट सीरीज, स्लाइड्स, बैंबू हट, चार बड़े मल्टीप्ले स्टेशन, बास्केट बॉल आदि शामिल हैं। बच्चों की सुरक्षा के भी इंतजाम करीब 2.2 एकड़ में बने इस पार्क में सिर्फ बच्चों के साथ आए अभिभावकों को ही अंदर जाने की अनुमति है।

20 रुपये का है टिकट
बच्चों व अभिभावकों के लिए प्रति व्यक्ति 20 रुपये का टिकट रखा गया है। इसमें वह जितनी देर चाहें पार्क में रह सकते हैं। पार्क सुबह 10 से शाम पांच बजे तक खुलता है। सोमवार को पार्क बंद रहेगा। अन्य लोगों का प्रवेश बच्चों की सुरक्षा के कारण वर्जित किया गया है। निगम अधिकारी ने बताया कि पार्क के रखरखाव आदि के लिए टिकट रखा गया है। वहीं, इससे पार्क में आने वाले लोगों की संख्या भी सीमित रहेगी। इस रविवार को फ्री इंट्री होने की वजह से पूरे दिन में पार्क में करीब 3000 लोग आए थे। वहीं, मंगलवार करीब 300 लोग पार्क में आए। अधिकारी ने बताया कि वीकेंड पर पार्क में काफी लोगों के आने की उम्मीद है।

तीन साल के कम उम्र के बच्‍चों के लिए अगल जोन
टोडलर्स के लिए अलग सेक्शन तीन साल या इससे कम आयु के बच्चों के लिए पार्क में अलग से टोडलर्स जोन बनाया गया है। इसमें स्प्रिंग डक, डोरेमोन समेत तमाम कार्टून करेक्टर्स की शेप की सीटें, खिलौने आदि लगाई गई हैं। वहीं, आयरनमैन, सुपरमैन आदि सुपरहीरोज की मेटल की बड़ी मूर्तियां भी लगाई गई हैं।

मॉल के खिलौने से नहीं मिलता प्राकृतिक माहौल
अधिकारी ने बताया कि मॉल जाने पर बच्चों को प्राकृतिक माहौल नहीं मिल पाता है। वहां जो खिलौने आदि होते हैं, वे भी मशीनी होते हैं। ये काफी महंगे होने के साथ ही हानिकारक भी होते हैं।

ऐसे पार्क और बनाने की तैयारी
इस शनिवार को एसडीएमसी आयुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल, उद्यान निदेशक डॉ. आलोक सिंह, स्थायी समिति की अध्यक्ष शिखा राय ने पार्क का उद्घाटन किया था। डॉ. आलोक ने बताया कि इस तरह के पार्क बनाने के लिए उचित जगह की तलाश की जा रही है। निगमायुक्त डॉ. पुनीत कुमार गोयल ने ऐसे और पांच-छह पार्क बनाने की योजना तैयार की है।


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