'असभ्य राष्ट्र बन चुका है पाकिस्तान, कुचलने के लिए सेना को देनी होगी खुली छूट'
आखिर कब तक यूं ही मरते रहेंगे जवान। यदि इसी तरह चलता रहा तो देश का मनोबल गिर जाएगा। मनोबल गिरना किसी भी राष्ट्र के लिए खतरनाक होता है।

गुरुग्राम [जेएनएन]। पाकिस्तान के खिलाफ अब बयानबाजी बंद होनी चाहिए। अब परिणाम चाहिए। सवा सौ करोड़ जनसंख्या वाले देश के जवानों के सिर काटे जा रहे हैं। यह स्वाभिमान को चुनौती है। भारतीय सेना कमजोर नहीं है। कुछ दिन की छूट मिले, पाक औकात में आ जाएगा। आवश्यकता है छूट देने की।
आखिर कब तक यूं ही मरते रहेंगे जवान। यदि इसी तरह चलता रहा तो देश का मनोबल गिर जाएगा। मनोबल गिरना किसी भी राष्ट्र के लिए खतरनाक होता है। यह किसी युद्ध में मिली हार से भी बड़ी हार होती है। ये विचार पूर्व सैन्य अधिकारियों ने दैनिक जागरण से बातचीत में व्यक्त किए। प्रस्तुत हैं मुख्य अंश
सेना को पुलिस बना कर छोड़ दिया गया
चीन के खिलाफ 1965 एवं पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कर्नल भरत सिंह कहते हैं कि सेना को पुलिस बना कर छोड़ दिया गया है। कल हो सकता है सेना से लाठीचार्ज भी सरकार कराए। क्या पुलिस की तरह भूमिका निभाने के लिए सेना है। सेना को सेना की तरह काम करने देना चाहिए। आज पाकिस्तान अमानवीय हरकत करने की हिम्मत इसलिए कर रहा है क्योंकि सेना अपने हिसाब से काम नहीं कर सकती। उसे पूछा जाता है क्यों गोली चलाई, कैसे गोली चलाई। आवश्यकता है सेना को खुली छूट देने की। उससे कोई पूछताछ न हो। कुछ दिनों के भीतर आतंकवाद भी समाप्त हो जाएगा और पाकिस्तान भी औकात में आ जाएगा।
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जैसे को तैसे की तर्ज पर जवाब
शहीद लेफ्टिनेंट अतुल कटारिया के पिता व पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई लड़ने वाले कर्नल धनराज कटारिया कहते हैं कि एक बार सर्जिकल स्ट्राइक करके छोड़ दिया गया। प्लान बनाकर हमला न हो। जैसे को तैसे की तर्ज पर जवाब दिया जाए, तभी पाकिस्तान औकात में आएगा। आज का बदला दस दिन बाद लेने का कोई अर्थ नहीं। बहुत हो चुका है। जवानों का सिर काटकर ले जाना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान पूरी तरह सीमा को भूल चुका है। वह इससे आगे बढ़े, इससे पहले ही उसे कुचलना होगा। देश का मनोबल बढ़ाने के लिए आवश्यक है सेना को खुली छूट मिले।

बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक
शहीद कैप्टन उमंग भारद्वाज के पिता व 1971 की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले कर्नल कंवर भारद्वाज कहते हैं कि एक बार नहीं बार-बार सर्जिकल स्ट्राइक करनी होगी। इतनी बार स्ट्राइक करनी होगी कि पाकिस्तान की कमर टूट जाए। वह रास्ते पर आने के लिए मजबूर हो जाए। यह सही है कि जिस तरह की हरकत वह करता है, वैसा भारत नहीं कर सकता, लेकिन उसे मुंहतोड़ जवाब तो दिया ही जा सकता है। सेना को इतना अधिकार हो कि जब उसे महसूस हो कि एक्शन लेना चाहिए, ले। पाकिस्तान को तोड़ना आवश्यक हो गया है।
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पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बांटने का समय
पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई में भाग ले चुके कर्नल रामपाल सुहाग कहते हैं कि पाकिस्तान को चार टुकड़ों में बांटने का समय आ गया है। एक बार धक्का मारने की आवश्यकता है। जब तक वह टूटेगा तब तक वह झुकेगा नहीं। वह पूरी तरह असभ्य राष्ट्र बन चुका है। जब तक ऐसा निर्णय नहीं होता है तब तक सेना को खुली छूट दे दी जाए। पाकिस्तान की तरफ से जैसा होगा, वैसा ही जवाब सेना देगी। कुछ दिनों के भीतर ही पाकिस्तान रास्ते पर होगा। वह शोर अधिक मचा रहा है। भारत के सामने वह कुछ भी नहीं। भारत इस बात की चिंता छोड़ दे कि दुनिया क्या कहेगी। अमेरिका के जो हित में हो वह करता है, किसी से पूछता नहीं।
टूट जाएगा पाकिस्तान
कारगिल युद्ध के दौरान सेना में रहे कर्नल रवि शर्मा कहते हैं कि पाकिस्तान बहुत ही गरीब राष्ट्र है। वह इतना कमजोर है कि कुछ दिनों के आर्थिक प्रतिबंध में ही टूट जाएगा। जहां सेना अपना काम करे वहीं कूटनीतिक स्तर पर भी उसे तोड़ने का प्रयास होना चाहिए। पूरी दुनिया को उसे आतंकवादी राष्ट्र घोषित कराना चाहिए। उसे इस कदर तोड़ दिया जाए कि घिनौनी हरकत की बात दूर कुछ भी सोचने की वह हिम्मत न करे। अब समय आ गया है पाकिस्तान को तोड़ने का। उसे तोड़ना आवश्यक है, अन्यथा दिन प्रतिदन उसका मनोबल बढ़ता चला जाएगा।

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