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कोरोना काल में युवाओं की मदद करता दिल्ली गार्डियन्स

मनन की मानें तो सैनिटाइजेशन से जुड़ी नौकरी के लिए बड़ी संख्या में युवा सामने आ रहे हैं। हम उन्हें कार्य के हिसाब से भुगतान करते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 08:07 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 07:52 AM (IST)
कोरोना काल में युवाओं की मदद करता दिल्ली गार्डियन्स
कोरोना काल में युवाओं की मदद करता दिल्ली गार्डियन्स

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]।   आइआइएम कलकत्ता के पूर्व छात्र नंदित, डीयू छात्रा मानसी, दिल्ली प्रौद्योगिकी के पूर्व छात्र मनन और अक्षत जैन प्रतिष्ठित कंपनियों में कार्यरत हैं। कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों व बेरोजगारी से जुड़ी खबरों ने इन चारों को व्यथित कर दिया। सभी ने मिलकर दिल्ली गार्डियन्स संस्था खोली और युवाओं को रोेजगार उपलब्ध कराने की मुहिम में जुट गए। दिल्ली गार्डियन्स दिल्ली और एनसीआर में कार, घर, आफिस, व्यवसायिक प्रतिष्ठान को सैनिटाइज करता है।

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मानसी ने बताया कि मई के आखिरी हफ्ते में दिल्ली गार्डियन्स का काम धरातल पर उतरा। हमने दिल्ली गार्डियन्स नाम से फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर पेज बनाकर प्रमोशन किया। हम चारों दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं। मानसी और इनके भाई मनन ने जहां फील्ड का काम संभाला तो वहीं अक्षत और नंदित ने आनलाइन प्रमोशन और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने की रणनीति पर कार्य किया। मानसी की मानें तो द्वारका में सड़क किनारे खड़े होकर टीम के सदस्यों ने सैनिटाइजेशन को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाया।

क्या करते हैं

कार, घर, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में सैनिटाइजेशन करते हैं। इनके रेट अलग अलग है। एसयूवी कार को संक्रमणमुक्त कराने के लिए ग्राहक को 20 मिनट के 600 रुपये देने पड़ते हैं। इसी तरह घर में 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके लिए अलग रेट हैं। वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के लिए रेट 50 पैसा प्रति स्कवायर फीट से शुरू है। सरकार द्वारा सुनिश्चित रसायनों का ही प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर कार संक्रमणमुक्त करने में 15 मिनट जबकि घरों को संक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया 30 मिनट में पूरी होती है। मनन की मानें तो सैनिटाइजेशन से जुड़ी नौकरी के लिए बड़ी संख्या में युवा सामने आ रहे हैं। हम उन्हें कार्य के हिसाब से भुगतान करते हैं। अब तक बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इन युवाओं को पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा सैनिटाइजेशन कार्य सम्पन्न करने के लिए तय मानकों पर खरा उतरना पड़ता है। 

इन्हें बकायदा ट्रेनिंग दी जाती है। जिसमें मशीन का प्रयोग, सैनिटाइजैशन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, रसायन प्रयोग की मात्रा व अन्य बातें सिखाई जाती है। इस्कॉन मंदिर, बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न शाखाओं, एयू स्माल फाइनेंस बैंक, हीरो कंपनी के विभिन्न आफिस समेत 150 से ज्यादा संस्थानों को अपनी सेवाएं दे चुके हैं। 


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