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Delhi Mundka Fire News: लोगों को ग़मगीन कर रहा घटनास्थल का मंजर, जिसने भी देखा नम हो आईं आंखें

Delhi Mundka Fire Newsमुंडका इलाके में इमारत में लगी आग ने 27 जिंदगियों को लील लिया। वहीं 27 परिवार को ऐसा गम दिया है जो उन्हें यह दिन जीवन पर भूलने नहीं देगा। शनिवार सुबह भी कुछ पीड़ितों के परिजनों उस इमारत के करीब नजर आए जहां यह हादसा हुआ।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 07:55 AM (IST)
Delhi Mundka Fire News: लोगों को ग़मगीन कर रहा घटनास्थल का मंजर, जिसने भी देखा नम हो आईं आंखें
Delhi Mundka Fire News: ये कूचे, ये गलियां, ये मंजर दिखाओ

नई दिल्ली, जागरण टीम। पश्चिमी दिल्ली के मुंडका में तीन मंजिला इमारत में लगी भीषण आग के बाद शनिवार सुबह नजारा बेहद गमगीन करने वाला है। सुबह पहुंचे आसपास के लोगों के आंखों में आंसू नजर आए। अपनों को खोने गम पीड़ित के परिजनों की आंखों में देखा जा रहा है। शनिवार सुबह कुछ लोग इस उम्मीद में जली इमारत के आसपास पहुंचे कि कोई चमत्कार हो और अपना सही सलामत मिल जाए। लोग इस इमारत की गलियों से निकलने के दौरान बेहद गमगीन नजर आ रहे हैं। 

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वहीं, शुक्रवार सुबह आग लगने के तत्काल बाद सैकड़ों की संख्या में स्वजन अपनों की तलाश में वहां पहुंचने लगे। चारों तरफ चीख पुकार मची हुई थी। कोई अपनी बेटी को ढूंढ़ रहा था तो कोई अपने पति को। वहां मौजूद लोग पुलिसकर्मी व अग्निशमन कर्मियों के बीच अपनों की जानकारी पाने के लिए गुहार लगा रहे थे। उधर, बढ़ती भीड़ को देखते हुए वहां पर व्यवस्था बनाना पुलिस के लिए कठिन हो रहा था। ऐसे में घटनास्थल के आसपास किसी को भी जाने की इजाजत नहीं दी जा रही थी। इस कारण लोगों में काफी रोष था।

फोन नहीं उठाने से परिजनों की बढ़ी चिंता

आशा ने बताया कि उनकी बेटी मधु यहां पर सुबह ही काम करने के लिए आई थी। किसी ने फोन कर इमारत में आग लगने के बारे में बताया। इसके बाद से मधु के मोबाइल पर कई बार फोन किया लेकिन फोन लग ही नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि मेरी बहन की बेटी प्रीति व पूनम भी यहां पैकिंग का काम करती थी। उन दोनों का भी पता नहीं लग पा रहा है। इन तीनों के बारे में न तो पुलिसकर्मी बता रहे हैं और न ही फायर कर्मी। पता नहीं क्या होने वाला है। उन्होंने कहा कि यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग कार्य करते थे।

अस्पताल में भी नहीं चल रहा पता

राहुल ने बताया कि मेरी बहन कामिनी यहां पर काम करती थी। कुछ पता नहीं चल रहा है। संजय गांधी अस्पताल भी गए लेकिन वहां पर कुछ पता नहीं चल रहा है। कोई कुछ नहीं बता रहा है। यहां पर अग्निशमन विभाग के निर्देशों का कोई पालन नहीं हो रहा था। इसी कारण इतनी बड़ी संख्या में लोग इसमें फंसे रह गए। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। 


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