Oxygen Express : जानिए कैसे दिल्लीवालों की टूटती सांसों की डोर को थामने में वरदान बना आक्सीजन एक्सप्रेस
रोज देश के किसी न किसी हिस्से से आक्सीजन लेकर यहां आक्सीजन एक्सप्रेस पहुंच रही है जिससे कि किसी मरीज की सांस न टूटे। रेलवे की इस कोशिश से अन्य राज्यों में भी आक्सीजन आपूर्ति सुधारने में मदद मिली है लेकिन इसका सबसे ज्यादा लाभ राजधानी को हुआ है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्लीवालों के लिए आक्सीजन एक्सप्रेस किसी वरदान से कम नहीं है। जब यहां आक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था। अस्पतालों में आक्सीजन की खत्म होने से मरीज के दम टूट रहे थे। अदालत से लेकर राजनीतिक गलियारे में इस भयावह स्थिति को लेकर चिंता जताई जा रही थी। उस समय आक्सीजन एक्सप्रेस लोगों की सांसों की डोर थामने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रोज देश के किसी न किसी हिस्से से आक्सीजन लेकर यहां आक्सीजन एक्सप्रेस पहुंच रही है जिससे कि किसी मरीज की सांस न टूटे। रेलवे की इस कोशिश से अन्य राज्यों में भी आक्सीजन आपूर्ति सुधारने में मदद मिली है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा लाभ राजधानी को हुआ है।
दूसरे राज्यों की तुलना में यहां सबसे अधिक आक्सीजन पहुंचाई गई है। आक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए पूरे देश में अबतक करीब 73 सौ टन आक्सीजन की आपूर्ति की गई है जिसमें से दिल्ली का हिस्सा तीन हजार टन के करीब है। यदि पूरे एनसीआर की बात करें तो रेल के माध्यम से 42 सौ टन आक्सीजन पहुंचाई गई है।
27 अप्रैल को पहली आक्सीजन एक्सप्रेस रायगढ़ के जिंदल इस्पात संयंत्र से 70 टन आक्सीजन लेकर दिल्ली कैंट पहुंची थी। उसके बाद बंगाल के दुर्गापुर, गुजरात के हापा, ओडिशा के अंगुल, झारखंड के टाटानगर सहित कई स्थानों से आक्सीजन लेकर एनसीआर में 47 आक्सीजन एक्सप्रेस पहुंच चुकी हैं। दस मई को 11 टैंकर लेकर आक्सीजन एक्सप्रेस दिल्ली पहुंची थी। अबतक की यह सबसे लंबी आक्सीजन एक्सप्रेस है। इस एक गाड़ी से 224.67 टन आक्सीजन दिल्ली पहुंची थी।
दिल्ली, फरीदाबाद व गुरुग्राम के साथ ही दिल्ली रेल मंडल में आने वाले अन्य शहरों में भी आक्सीजन की कमी दूर करने में रेल प्रशासन अपना योगदान दे रहा है। अबतक दिल्ली मंडल में 228 टैंकरों में 4349.46 टन आक्सीजन की आपूर्ति की गई है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेल मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे बोर्ड के अधिकारी आक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन की निगरानी कर रहे हैं। परिचालन में कहीं कोई दिक्कत नहीं हो इसका पूरा ख्याल रखा जा रहा है। ग्रीन कोरिडोर बनाकर जल्द से जल्द इसे गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है.
देश के अलग-अलग राज्यों में की गई आक्सीजन आपूर्ति का विवरणः-
राज्य- आक्सीजन आपूर्ति (टन)
महाराष्ट्र-407
उत्तर प्रदेश-1960 मध्य प्रदेश-361
हरियाणा-1135 तेलंगाना-188
राजस्थान-72 कर्नाटक-120 दिल्ली-2950