...तो इस वजह से तेजस्वी यादव के धरने में शामिल हुए राहुल व केजरीवाल, यहां है नजर
दिल्ली में 30 फीसद के करीब पुरबिया वोटर बताए जाते हैं। इनमें दलित, मुस्लिम व मजदूर वर्ग की अच्छी संख्या है। इनका वोट दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है।
नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। दिल्ली में रहने वाले पुरबिया वोटरों पर सभी पार्टियों की नजर है। जंतर-मंतर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के शामिल होने के पीछे भी यह एक वजह मानी जा रही है। कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) इस वोट बैंक को किसी भी हाल में अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। इसीलिए बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को लेकर वह वहां से जुड़े लोगों के साथ खुद को खड़ा दिखाना चाह रहे हैं।
समर्थन हालिस करना है मकसद
बिहार में कांग्रेस और राजद के बीच गठबंधन है। राहुल गांधी अपने सहयोगी के साथ संबंध को और मजबूत बनाने के साथ ही नए सहयोगियों को तलाश रहे हैं। इसीलिए राहुल गांधी के धरने में शामिल होने पर दिल्ली के सियासी गलियारों में ज्यादा हलचल नहीं मची। वहीं, लालू यादव को भ्रष्ट नेता बताने वाले केजरीवाल को भी अब उनका साथ पसंद आ रहा है। वह कई बार लालू यादव व अन्य राजद नेताओं के साथ मंच साझा कर चुके हैं। वजह साफ है, दिल्ली में रह रहे लालू समर्थकों का समर्थन हासिल करना।
बड़ी संख्या में हैं पुरबिया वोटर
दिल्ली में 30 फीसद के करीब पुरबिया वोटर बताए जाते हैं। इनमें दलित, मुस्लिम व मजदूर वर्ग की अच्छी संख्या है। इनका वोट दिल्ली के कई विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकता है। इसलिए सभी पार्टियां इन्हें अपने साथ जोड़कर रखना चाहती हैं। एक समय इन्हें कांग्रेस का मजबूत वोट बैंक माना जाता था, लेकिन 'आप' ने इसमें सेंध लगा दी है। केजरीवाल को सत्ता तक पहुंचाने में इनका बड़ा योगदान रहा। इसलिए वह हर हाल में इन्हें अपने साथ जोड़कर रखना चाहते हैं। वहीं, दिल्ली में पुरानी सियासी जमीन हासिल करने की जुगत में लगी कांग्रेस की नजर भी अपने इस पुराने वोट बैंक पर है।
भाजपा ने भी बनाई है रणनीति
इधर, प्रसिद्ध भोजपुरी कलाकार व उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी को दिल्ली में अपना चेहरा बनाकर भाजपा भी दोनों पार्टियों के सामने चुनौती पेश कर चुकी है। भाजपा अगले महीने दिल्ली में पूर्वांचल के लोगों की बड़ी रैली करने की भी तैयारी कर रही है। ऐसे में 'आप' व कांग्रेस को डर है कि अगले चुनाव में पूर्वांचल के लोग कहीं भाजपा के साथ न खड़े हो जाएं। इसीलिए राजद के धरने में 'आप' व कांग्रेस के नेताओं ने शामिल होकर यह दिखाने की पूरी कोशिश की है कि वे पूरब के लोगों के मसलों पर हमेशा उनके साथ खड़े हैं।