मम्मी-पापा की ड्यूटी शुरू हुई तो रुक गई ऑनलाइन पढ़ाई
लॉकडाउन के दौरान अभिभावक घर पर रहते थे तो बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई कर लेते थे लेकिन अब अभिभावक अपने साथ मोबाइल लेकर चले जाते हैं।
नई दिल्ली [अरविंद कुमार द्विवेदी]। कोविड- 19 संक्रमण के कारण मार्च से ही राजधानी दिल्ली के स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन के दौरान सरकार ने बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की तो इसके अच्छे परिणाम मिले। लेकिन अनलॉक के बाद जब से लोग अपने ऑफिस व काम पर जाने लगे हैं तब से सरकारी स्कूलों के बहुत से बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई ठप हो गई है। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान अभिभावक घर पर रहते थे तो बच्चे मोबाइल पर ऑनलाइन पढ़ाई कर लेते थे। लेकिन अब अभिभावक अपने साथ मोबाइल लेकर चले जाते हैं। ज्यादातर घरों में बच्चों के पास अलग से मोबाइल न होने के कारण अब उन्हें पढ़ाई में परेशानी हो रही है। ऐसे बच्चे अब ऑनलाइन असाइनमेंट मिलने के बाद एक-दो दिन तक शिक्षकों को जवाब भी नहीं दे पा रहे हैं। शिक्षकों की ओर से बार-बार कॉल करने बावजूद बच्चों का रिस्पांस नहीं मिल पाता है।
शाहीन बाग वाले भाजपाई हो गए...
सीएए-एनआरसी के विरोध में 101 दिन तक चले शाहीन बाग धरने से जुड़े एक्टिविस्ट शहजाद अली समेत तीन लोग भाजपा में शामिल हुए तो शाहीन बाग फिर से चर्चा में आ गया।सोशल मीडिया पर लोग यह पूछकर चुटकी ले रहे हैं कि क्या इन कमल वालों को भी कागज दिखाने पड़ेंगे। लोग प्रदर्शन की उनकी पुरानी तस्वीरें वायरल कर कटाक्ष कर रहे हैं। कोई इनको भाजपा में सुनहरे भविष्य की शुभकामनाएं दे रहा है तो कोई अंधभक्त और भाजपा का एजेंट बता रहा है।वहीं, कुछ लोग इसे शाहीन बाग में भाजपा की एंट्री के रूप में भी देख रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि अभी तक भाजपा के उम्मीदवार शाहीन बाग, जामिया नगर, बाटला हाउस, अबुल फजल एंक्लेव आदि इलाकों में चुनाव प्रचार तक करने नहीं जाते थे। हो सकता है अब उन्हें एंट्री मिल जाए। क्योंकि अब तो शाहीन बाग वाले भी भाजपाई हो गए हैं।
पूरी टेलीकॉम इंडस्ट्री घर में फिर भी नहीं चलता इंटरनेट
उपमुख्यमंत्री साहब, हमने जियो, एयरटेल, वोडाफोन आइडिया.. सबके सिम ले रखे हैं फिर भी घर पर ठीक से इंटरनेट नहीं चलता है। इसलिए हमारे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। सर, मेन रोड और बाजारों में जो वाई-फाई लगे हैं उनका किसी को कोई खास फायदा नहीं मिल रहा है। कृपया ये वाई-फाई कॉलोनियों के अंदर व गलियों में लगवा दीजिए। कम से कम हमारे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में आसानी हो जाएगी। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से यह फरियाद पिछले दिनों एक अभिभावक ने उस समय लगाई जब वह ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम का फीडबैक लेने ग्रेटर कैलाश के एक स्कूल में आए थे। अभिभावक की फरियाद पर उपमुख्यमंत्री ने कहा- पूरी टेलीकॉम इंडस्ट्री आप घर ले आए फिर भी नेटवर्क नहीं आ रहा है। फिर आपकी गली में वाई-फाई लगा देने से समस्या का समाधान हो जाएगा, इसकी क्या गारंटी है।
आखिर कब खुलेगा लोटस टेंपल
कोरोना महामारी के कारण लगाया गया लॉकडाउन लगभग समाप्त हो चुका है। बड़े-बड़े मंदिरों समेत ज्यादातर धर्मस्थल खुल चुके हैं। लेकिन नेहरू प्लेस स्थित लोटस टेंपल को खोलने पर अभी मंदिर प्रशासन ने कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में उन लोगों को काफी निराशा होती है जो दूर-दूर से आते हैं लेकिन गेट पर आकर उन्हें मंदिर बंद होने का नोटिस दिखता है। वे कभी गार्ड से पूछते हैं तो कभी मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों से। उनका सवाल यही होता है कि जब सब कुछ अनलॉक हो गया तो इसे भी खोल देना चाहिए। दरअसल, पास में ही कालकाजी मंदिर भी स्थित है। ज्यादातर लोग यह सोचकर आते हैं कि दोनों मंदिर घूम लेंगे। लोटस टेंपल में हरियाली व खुली जगह होने के कारण लोग यहां अधिक समय बिता लेते हैं। वहीं, कुछ लोग कोरोना कोविड- 19 संक्रमण के मद्देनजर मंदिर प्रशासन के इस कदम की सराहना भी करते हैं।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो