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EXCLUSIVE: एस्सेलव‌र्ल्ड की तर्ज पर नोएडा में विकसित होगा एम्यूजमेंट पार्क

मुबंई के एस्सेलव‌र्ल्ड की तर्ज पर नोएडा के सेक्टर-145 में कामर्शियल साइट (35 हेक्टेयर जमीन पर) एम्यूजमेंट पार्क बनेगा। NCR के लोगों को मनोरंजन के लिए नया और आधुनिक विकल्प मिलेगा।

By Edited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:14 AM (IST)
EXCLUSIVE: एस्सेलव‌र्ल्ड की तर्ज पर नोएडा में विकसित होगा एम्यूजमेंट पार्क
EXCLUSIVE: एस्सेलव‌र्ल्ड की तर्ज पर नोएडा में विकसित होगा एम्यूजमेंट पार्क

नोएडा (कुंदन तिवारी)। मुबंई के एस्सेलव‌र्ल्ड की तर्ज पर नोएडा के सेक्टर-145 में कामर्शियल साइट (35 हेक्टेयर जमीन पर) एम्यूजमेंट पार्क विकसित किया जाएगा। इससे शहर ही नहीं, बल्कि एनसीआर के लोगों को आकर्षित किया जा सकेगा। लोग यहां पर खेलकूद, मनोरंजन के साथ-साथ वीकेंड का पूरा लुत्फ उठा सकेंगे।

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इस पार्क को नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन (एनएमआरसी) की ओर से विकसित किया जाएगा। जमीन के लिए फाइल नोएडा प्राधिकरण के पास भेजी गई है। हालांकि नोएडा प्राधिकरण में अधिकारी इस मामले में स्पष्ट जवाब देने के बच रहे हैं, क्योंकि जिस जगह पर एनएमआरसी को जमीन दी जानी है। उस जमीन पर किसानों के साथ प्राधिकरण का विवाद चल रहा है। मामला इलहाबाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

बता दें कि एनएमआरसी को एक्वा लाइन संचालन के लिए आय की जरुरत होगी, ऐसे में डीपीआर तैयार करने में इस बात का ख्याल रखा गया था कि वाणिज्यक गतिविधियों के लिए नोएडा प्राधिकरण एनएमआरसी को 35 हेक्टेयर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 15 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराएगा। जिससे एनएमआरसी वाणिज्यक गतिविधियों का संचालन कर अपनी आय को बढ़ा सके।

नोएडा प्राधिकरण एनएमआरसी और डीएमआरसी को संयुक्त रूप से सेक्टर-94 में एक हेक्टेयर जमीन सुपरनोवा के सामने उपलब्ध करा चुका है। शेष 34 हेक्टेअर जमीन की फाइल अभी प्राधिकरण में विचाराधीन है। सूत्र बताते हैं कि सेक्टर-145 में एनएमआरसी को 34 हेक्टेयर जमीन हस्तांतरण की जाने वाली है। प्राधिकरण का किसानों से भूमि को लेकर विवाद चल रहा है। विवाद हल होते ही जमीन उपलब्ध होने पर एस्सेल व‌र्ल्ड की तर्ज पर एम्यूजमेंट पार्क सहित शापिंग मॉल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

वर्तमान में एनएमआरसी के पास आय का मात्र एक ही स्रोत है। मेट्रो विस्तार का कार्य तेजी से किया जा रहा है। जिसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा खर्च वहन किया जा रहा है। भविष्य में एनएमआरसी को आमदनी की जरूरत होगी। इसके लिए व्यावसायिक गतिविधियों के जरिए वह अपनी आमदनी को बढ़ाएगा।

उम्मीद है 25 सितंबर को आयोजित होने वाली एनएमआरसी बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हो सकती है। एनएमआरसी के कार्यकारी निदेशक पीडी उपाध्याय के अनुसार डीपीआर में 50 हेक्टेयर जमीन वाणिज्यक गतिविधि के लिए एनएमआरसी को दी जानी है। इसमें 35 हेक्टेयर नोएडा प्राधिकरण और 15 हेक्टेयर जमीन ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को देनी है।

यह होगा खासः पार्क, वाटर पार्क, शापिंग मॉल, बच्चों के खेलकूद के लिए झूले - शापिंग मॉल में व्यावसायिक दुकानें, खाने पीने के लिए बेहतरीन रेस्टोरेंट की चेन।

क्योसक से बढ़ेगी आमदनीः एनएमआरसी ने विकल्प के तौर पर सेक्टर-37 में 200 वर्ग मीटर जमीन की मांग की है। जहां पर वह वाणिज्यक गतिविधियों का संचालन कर सके। हालांकि अभी एनएमआरसी को संचालन व ठहराव के लिए बाटेनिक गार्डन पर 144 वर्ग मीटर जगह किराए पर प्राधिकरण ने दे रखी है।


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