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AN-32 Crash: वायुसेना के गोपनीय मिशन पर थे राजेश थापा, चाचा ने किया दावा Faridabad News

AN-32 Crash विमान लापता होने के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजेश थापा वायुसेना के किसी गोपनीय मिशन पर थे। इसकी जानकारी उनके चाचा ने दी है।

By Edited By: Published: Fri, 21 Jun 2019 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2019 04:15 PM (IST)
AN-32 Crash: वायुसेना के गोपनीय मिशन पर थे राजेश थापा, चाचा ने किया दावा Faridabad News
AN-32 Crash: वायुसेना के गोपनीय मिशन पर थे राजेश थापा, चाचा ने किया दावा Faridabad News

फरीदाबाद, जेएनएन। AN-32 Crash विमान लापता होने के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजेश थापा वायुसेना के किसी गोपनीय मिशन पर थे। इसकी जानकारी उनके चाचा रविंद्र ने दी है। चाचा रविंद्र ने बताया कि राजेश दो मई को छुट्टी पर सेक्टर-23 घर आए थे और 27 मई को वापस जोरहाट, असम चले गए थे। इसके दो दिन बाद रविंद्र ने उनसे फोन पर बातचीत की थी। तब राजेश ने बताया था कि अगले 10 दिन तक उनका फोन नहीं मिलेगा। वे किसी गोपनीय मिशन पर जाएंगे।

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हालांकि, मिशन के बारे में उन्होंने कुछ नहीं बताया था और रविंद्र ने इस बारे में कुछ पूछना भी उचित नहीं समझा। इसके बाद 3 जून को उनका विमान लापता होने की सूचना मिली। इसके बाद रविंद्र अपने बड़े भाई और राजेश के पिता हरी थापा के साथ जोरहाट असम पहुंच गए। वहां वायुसेना की टीमें लापता विमान की तलाश में जुटी हुई थीं।

सकुशल मिलने की थी उम्मीद- रविंद्र
रविंद्र ने बताया कि 13 जून को विमान का मलबा मिलने तक उन्हें उम्मीद थी कि उनका लाडला भतीजा सकुशल मिल जाएगा। मगर जैसे ही वायुसेना ने बताया कि विमान में बैठे 13 लोगों में से कोई नहीं बचा है तो उनके सिर पर मानो आसमान टूट पड़ा हो। उन्होंने ने बताया कि मृतकों के शव लाने के लिए भी वायुसेना को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जहां विमान गिरा था, वह सैकड़ों मीटर गहरी घाटी है। उसमें नीचे जाने का कोई रास्ता नहीं है।

पूरी घाटी में सघन वन है। ऐसे में वायुसेना के हेलीकॉप्टर भी नीचे नहीं पहुंच पा रहे थे। तब वायुसेना ने कमांडो को नीचे उतारा और शव ढूंढने का अभियान शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद एक-एक कर सभी के शव घाटी से बाहर लाए जा सके।

उत्सकु यात्री बनकर रोमांचक जगहें खोजते थे राजेश थापा
साहस व रोमांच का फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजेश थापा के जीवन में अहम स्थान रहा। जब भी मौका मिलता वे मोटरसाइकिल उठाकर साहसिक यात्रा पर निकल पड़ते। इस दौरान नई व रोमांचक जगहें खोजते और उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर दोस्तों के साथ शेयर करते थे। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट उनके इस शौक की पुष्टि करता है। उन्होंने अकाउंट पर अपने बारे में एविड ट्रैवलर लिखा है जिसका हिदी में अर्थ है उत्सुक यात्री। उनका इंस्टाग्राम अकाउंट पोपी के नाम से है। बता दें कि पोपी एक अमेरिकी कार्टून है, जो पेशे से नाविक है और उसे घूमना पसंद है।

ट्रैवल डायरी से कम नहीं है इंस्टाग्राम अकाउंट
लेफ्टिनेंट राजेश थापा का इंस्टाग्राम अकाउंट किसी ट्रैवल डायरी से कम नहीं है, जोकि रोमांचक जगहों की तस्वीरों से भरा हुआ है। उनके अकाउंट पर देश की तमाम बेहतरीन जगहें देखी जा सकती हैं। फोटो में वे कभी एशिया के सबसे साफ सुथरे गांव मावलिननॉन्ग मेघालय में खड़े दिखते हैं तो कभी टुटिग अरुणाचल प्रदेश, कभी वायनाड केरल की खूबसूरती निहारते दिखते हैं। कभी वेलिग्टन तमिलनाडू, त्रिउंड हिमाचल प्रदेश जैसे स्थानों की झलकी दिखाते हैं।

25 मई 2019 को पोस्ट की अंतिम तस्वीर
इंस्टाग्राम पर उनकी अंतिम फोटो 25 मई 2019 को पोस्ट हुई, उसमें वे एक पत्थर के साथ खड़े हैं और लिखा है पीस हिमालय, यानि हिमालय की शांति। 4 जनवरी 2018 को उन्होंने एक फोटो इंस्टाग्राम पर पोस्ट की और उसके साथ अंग्रेजी में लिखा कि मैं अपनी नौकरी को क्यों ना पसंद करूं, जब मुझे अपने कार्यस्थल से ही उत्तम नजारा दिखता है। उनके दोस्त लोहित खन्ना भी उनके इस शौक के बारे में बखूबी जानते हैं। उन्होंने बताया कि शुरु से ही उन्हें घूमने फिरने व नई जगहों पर जाने का शौक रहा।

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