पुराने वजीराबाद पुल में आएगी नई जान, वर्षों पहले खराब हो चुके हैं एक्सपेंशन ज्वाइंट
सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन होने के बाद लोक निर्माण विभाग ने काम करने की स्वीकृति देने के लिए यातायात पुलिस को पत्र लिखा है और अब स्वीकृति का इंतजार है।
नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। यमुना नदी पर स्थित पुराने वजीराबाद पुल की भी अब दशा सुधरेगी। यातायात के अत्यधिक दबाव के कारण इस पुल की स्थिति खराब हो चुकी है और अब बड़े स्तर पर काम कराने की जरूरत है। सिग्नेचर ब्रिज से आवाजाही शुरू होने के बाद इस पुल पर यातायात का दबाव कम हुआ है। ऐसे में मरम्मत कार्य कराने में भी ज्यादा परेशानी नहीं आएगी। इसलिए सिग्नेचर ब्रिज का उद्घाटन होने के बाद अब लोक निर्माण विभाग ने काम करने की स्वीकृति देने के लिए यातायात पुलिस को पत्र लिखा है और अब स्वीकृति का इंतजार है।
1960 में हुआ था निर्माण
लोक निर्माण विभाग के अनुसार, वर्ष-1960 में पुराने वजीराबाद पुल का निर्माण हुआ था। उत्तरी दिल्ली को उत्तरी पूर्वी दिल्ली से जोड़ने के लिए पहले यही एकमात्र पुल होता था। इसके लंबे अरसे बाद आइएसबीटी का पुल भी बना, मगर इस पुल की अहमियत कम नहीं हुई। वाहनों के लिए इस पुल की चौड़ाई कुल साढ़े सात मीटर है। यानी दो लेन के फ्लाईओवर के बराबर है। इसके दोनों ओर साइकिल ट्रैक हैं।
खराब हो चुके हैं एक्सपेंशन ज्वाइंट
भजनपुरा की ओर से वजीराबाद जाने के लिए साइकिल ट्रैक तीन मीटर चौड़ा है। यह साइकिल ट्रैक जर्जर होकर कुछ साल पहले गिर गया था, जिसे पिछले साल ठीक कराया गया है। वहीं, वजीराबाद से भजनपुरा की ओर आने वाला साइकिल ट्रैक डेढ़ मीटर है, लेकिन यह कई जगह जर्जर हालत में है। इसलिए इसे बंद कर दिया गया है।
वर्षों से पुल पर बिटुमिनस का काम नहीं हुआ है। पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट वर्षों पहले खराब हो चुके हैं। उनमें मिट्टी भर चुकी है और पुल के पिलर की बेयरिंग भी काफी समय से नहीं बदली गई हैं। पुल में कई जगह दरारें आ चुकी हैं। ऐसी बदहाल स्थित को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट भी लोक निर्माण विभाग से जवाब मांग चुका है।
जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी
लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुल की दशा सुधारने के लिए काफी समय पहले ही योजना बन गई, लेकिन यातायात पुलिस ने काम करने की अनुमति नहीं दी। अब सिग्नेचर ब्रिज शुरू हो गया है। उम्मीद है कि जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी और पुल की दशा सुधारने का काम शुरू हो जाएगा।