फैशन इंडस्ट्री का मेकओवर, अब ब्रांड नहीं ग्राहकों की पसंद से तय हो रहा है ट्रेंड
फैशन डिजाइनर मेघा का कहना है कि लॉकडाउन और फिर वर्क फ्रॉम होम में लोगों ने आरामदायक परिधानों का पहनना शुरू कर दिया। ऐसे में इन कपड़ों की मांग बढ़ने लगी और डिजाइनर व फैशन ब्रांड इस तरह के परिधान बनाने में जुट गए।
नई दिल्ली/गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। बदलते वक्त और मौसम के मिजाज के हिसाब से करवट लेने वाली फैशन इंडस्ट्री को अब मेकओवर की जरूरत पड़ गई है। अब इंडस्ट्री को अपने पुराने ढर्रे को छोड़कर नई राहों की ओर कदम बढ़ाने पड़ रहे हैं। इस बदलाव की बयार में फैशन इंडस्ट्री में कई मिथक टूटे हैं। अब यह इंडस्ट्री ब्रांड और ब्रांड नाम की जगह ग्राहकों की पसंद की पर रुख बदल रही है। इस बार ब्रांड नहीं बल्कि ग्राहकों की पसंद से तय हो रहा है कि नया ट्रेंड क्या होगा। एक तरह के संक्रमण के इस दौर में इंडस्ट्री की मदद शॉपिंग साइटें और स्टोर्स का डेटा भी कर रहे हैं।
लॉकडाउन से आया बदलाव
फैशन डिजाइनर मेघा का कहना है कि लॉकडाउन और फिर वर्क फ्रॉम होम में लोगों ने आरामदायक परिधानों का पहनना शुरू कर दिया। ऐसे में इन कपड़ों की मांग बढ़ने लगी और डिजाइनर व फैशन ब्रांड इस तरह के परिधान बनाने में जुट गए। इतना ही नहीं, लाउंज वियर और कंफर्टवियर परिधानों में भी स्टाइल का तड़का लगने लगा है।
शॉपिंग साइटों से ले रहे हैं डेटा
फैशन डिजाइनर दिव्या का कहना है कि अब ग्राहकों की पसंद डिजाइनर्स को नए लक्ष्य दे रही है। ऐसे में ग्राहकों की पसंद के अनुसार ही परिधान बनाए जा रहे हैं। कई शॉपिंग साइटों ने मशीन लर्निंग प्रोग्राम के जरिये ग्राहकों की पसंद जानने की प्रक्रिया अपनाई है तो अन्य साइटों के डेटा से पता लगाया जा रहा है कि ग्राहकों की प्राथमिकता और पसंद क्या है। ऐसे में डिजाइनर और ब्रांड इसी तरह के परिधानों पर काम कर रहे हैं जो ग्राहकों की जरूरत पूरा कर रहे होंं।
फैशन इंडस्ट्री व्यापक बदलाव के दौर से गुजर रही है। अब ब्रांड और डिजाइनर नहीं बल्कि ग्राहकों की पसंद के अनुसार फैशन में बदलाव किए जा रहे हैं। बदले वक्त में लोगों की जरूरतें बदली हैं और उन्हीं जरूरतों को पूरा करने के लिए ब्रांड उनकी पसंद के अनुसार पैटर्न, डिजाइन और फैब्रिक चुन रहे हैं। - मेघा , फैशन डिजाइनर
निश्चित रूप से यह दौर हर क्षेत्र के लिए बदलाव की बयार लेकर आया है। ऐसे में फैशन इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं है। इंडस्ट्री में अब ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है। इसका कारण यह है कि लोग अब बाडी फिट, स्टाइलिश परिधान दिन भर घरों में नहीं पहन सकते। लोगों की जरूरत बदली है तो इंडस्ट्री का रंग भी बदलना लाजमी है। - दिव्या, फैशन डिजाइनर
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