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कांग्रेस नेता मतीन अहमत नेता ने कहा- 'मुस्लिमों के पूर्वज थे हिंदू, मैं खुद करता हूं भगवान राम का सम्मान'

चौधरी मतीन अहमद का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे लेकिन उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया। आज भी वह राजपूत ही हैं। कोई व्यक्ति अपना धर्म बदल सकता है लेकिन ताउम्र उसकी जाति वही रहती है। वह भी भगवान राम का सम्मान करते हैं।

By Jp YadavEdited By: Published: Sun, 11 Jul 2021 08:57 AM (IST)Updated: Sun, 11 Jul 2021 08:57 AM (IST)
कांग्रेस नेता मतीन अहमत नेता ने कहा- 'मुस्लिमों के पूर्वज थे हिंदू, मैं खुद करता हूं भगवान राम का सम्मान'
कांग्रेस नेता मतीन अहमत नेता ने कहा- 'मुस्लिमों के पूर्वज थे हिंदू, मैं खुद करता हूं भगवान राम का सम्मान'

नई दिल्ली [शुजाउद्दीन]। दिल्ली में कांग्रेस के कद्दावर नेता व सीलमपुर से 5 बार विधायक रहे चौधरी मतीन अहमद ने कहा है कि देश के मुस्लिम, हिंदुओं के वशंज हैं। जो इस दावे को गलत मानते हैं, उन्हें इतिहास पढ़ना चाहिए। इतिहास ही ऐसी चीज है, जिसे कोई चाहकर भी नहीं बदल सकता। इस देश में हिंदू-मुस्लिमों की कभी लड़ाई ही नहीं रही है, यह लड़ाई सिर्फ सियासत की देन है।

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चौधरी मतीन अहमद का कहना है कि उनके पूर्वज हिंदू थे, लेकिन उन्होंने मुस्लिम धर्म अपना लिया। आज भी वह राजपूत ही हैं। कोई व्यक्ति अपना धर्म बदल सकता है, लेकिन ताउम्र उसकी जाति वही रहती है। वह आज भी भगवान राम का सम्मान करते हैं। उनके कुछ पूर्वज हिंदू हैं। देश में कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने हित साधने के लिए साम्प्रदायिक मतभेद करवाती हैं। जब हिंदू और मुस्लिम पूर्वज एक हैं तो लड़ाई किस बात की। उनका यह बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब दिल्ली एनसीआर में मतांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है। उनका कहना है कि सत्य को कभी नकारा नहीं जा सकता। देश के ज्यादातर मुस्लिम वह हैं जो धर्म बदलकर हिंदू से मुस्लिम बने हैं। सबके डीएनए एक ही हैं।

मां ब्राह्मण और पिता राजपूत थे

मतीन अहमद ने बताया कि वह मूलरूप से मेरठ के टोडलपुर गांव के निवासी हैं। उनकी मां ब्राह्मण और पिता राजपूत परिवार से थे। कई वर्ष पहले गांव के लोगों ने आसपास के तीन गांव के लोगों के साथ मिलकर अपना धर्म बदलकर मुस्लिम हो गए थे। उनकी मां गंगा किनारे की हैं, उनके वंशजों ने रामायण से लेकर महाभारत तक पड़ी हुई है।

मुस्लिम बनकर हिंदुओं के साथ नहीं रखा कोई बैर

मतीन का कहना है कि उन्हें अपने पूर्वजों का इतिहास मालूम है, जब वह विधायक बने उन्होंने हिंदू-मुस्लिम में कभी बैर नहीं किया। जितना काम मस्जिदों में किया, उतना ही मंदिरा के लिए भी। यहां तक की मेट्रो की वजह से शास्त्री पार्क स्थित श्यामगिरी मंदिर टूट रहा था, उस मंदिर को बचाने के लिए वह तीन दिन धरने पर बैठे थे। सब धर्म एक सामान हैं, किसी धर्म में कोई बुराई नहीं होती।


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