दिल्ली चिड़ियाघरः जानें, कैसे बाघ और भालू के बाड़े में गिरने पर भी सलामत रहेगी जान
राजधानी के चिड़ियाघर में चार साल पहले सफेद बाघ विजय के बाड़े में गिरकर 20 वर्षीय युवक मकसूद की मौत हो गई थी। ऐसे हादसों को रोकने की हो रही कवायद।
नई दिल्ली (जेएनएन)। राजधानी के चिड़ियाघर में चार साल पहले सफेद बाघ विजय के बाड़े में गिरकर 20 वर्षीय युवक मकसूद की मौत हो गई थी। इससे सबक लेते हुए चिड़ियाघर प्रशासन ने अगले कुछ दिनों में प्रत्येक बाघ के बाड़े में एक मानव पिंजरा लगाने की तैयारी की है, जिससे कि आगे कभी ऐसा दर्दनाक हादसा न हो सके।
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही चिड़ियाघर में सभी बाघों के बाड़ों में मानव आकार का एक लोहे का पिंजरा लगाया जाएगा। अगर कोई व्यक्ति बाघ के बाड़े में गिर भी जाता है तो वह पिंजरे में जाकर अपनी जान बचा सकता है। बाद में उसे प्रशासन द्वारा पिंजरे से निकाल लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि पिंजरे को बाघ के बाड़े में एक किनारे पर रखा जाएगा। व्यक्ति पिंजरे में दाखिल हो खुद को इसमें बंद कर सकता है। ऐसे में बाड़े में गिरा व्यक्ति सुरक्षित रहेगा। बाघ के अलावा इसे भालू के बाड़े में भी लगाने की योजना है।
विजय की बेटी सीता को मिलेगा जीवनसाथी
अब यदि आप दिल्ली का चिड़ियाघर देखने जाएंगे तो आपको सफेद बाघ विजय के साथ एक नया मेहमान भी देखने को मिलेगा। ये नया मेहमान जल्द ही चिड़ियाघर आने वाला है। उसका नाम विजय जूनियर है। विजय जूनियर को लखनऊ स्थित चिड़ियाघर से लाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह चिड़ियाघर से विजय जूनियर को दिल्ली के चिड़ियाघर लाने की तैयारी है। 2014 में दिल्ली के चिड़ियाघर में युवक मकसूद की मौत वाली घटना से मशहूर हुए बाघ विजय की बेटी गीता का विजय जूनियर से मिलन कराया जाएगा। विजय जूनियर भी सफेद बाघ है और सीता भी सफेद बाघिन है।
सूत्रों की मानें तो जल्द अब चिड़ियाघर में कुछ वन्य जीवों की अदला-बदली की जाएगी। बाघ विजय व कल्पना के मिलन से वर्ष 2015 में चिड़ियाघर में एक साथ चार बच्चों का जन्म हुआ था। इसमें एक नर व तीन मादा थीं। नर बाघ टीपू नाम से जाना जाता है। वहीं तीनों मादा सीता, गीता व निर्भया नाम से मशहूर हैं।