गुरुग्राम में इमारत ढहने से 7 लोगों की मौत, 24 घंटे बाद खत्म हुआ राहत व बचाव कार्य
दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम में बड़ा हादसा हुआ है। गुरुग्राम में उल्लाहवास में बृहस्पतिवार सुबह चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई है।
गुरुग्राम, जेएनएन। गुरुग्राम के गांव उल्लावास में बृहस्पतिवार सुबह पांच बजे तीन मंजिला इमारत अचानक जमींदोज हो गई थी। दूसरी मंजिल पर बतौर किराएदार नौ लोग रहते थे, जबकि तीसरी मंजिल के लिए बुधवार रात ही लेंटर डाला गया था। 24 घंटे बाद शुक्रवार 8 बजे तक सभी सात लोगों के शव निकाले जा चुके हैं, ऑपरेशन खत्म हो गया है।
हादसे में मृतकों की पहचान समस्तीपुर, बिहार निवासी आनंद कुमार (22) व आफताब (25), उप्र के फिरोजाबाद निवासी मोहित (19), आंबेडकर नगर निवासी कुलदीप (32) व विशाल (17) के रूप में हुई है, जबकि एक शव की पहचान नहीं हो सकी है। गांव उल्लावास में मलबे से सातवां शव शुक्रवार सुबह निकाला गया। उसकी पहचान कुशीनगर गोरखपुर निवासी प्रदीप के रूप में की गई।
बताया जा रहा है कि यह इमारत दयाराम की है। इमारत मजबूत नहीं होने से यह तीसरी मंजिल का भार सहन नहीं कर सकी और कम गुणवत्ता वाली निर्माण सामग्री का उपयोग भी घटना का कारण बना।
सेक्टर-65 थाना पुलिस ने ठेकेदार पर दर्ज कर लिया है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने मृतकों के परिजनों को तीन-तीन लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। गुरुग्राम के एसडीएम को न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
गुरुग्राम : गांव उल्लावास में मृतकों की पहचान
- - आनंद कुमार, उम्र 22 वर्ष, गांव शंभू पट्टी, जिला समस्तीपुर, बिहार
- - मोहित, उम्र 19 वर्ष, गांव नंगला हिम्मत खेरगढ़, जिला फिरोजाबाद, उत्तरप्रदेश
- - आफताब : उम्र 25 वर्ष, गांव चक अब्दुल गनी, जिला समस्तीपुर, बिहार
- - कुलदीप : उम्र 32 वर्ष, गांव करौदी लाला, जिला अांबेडकर नगर, उत्तरप्रदेश
- - विशाल : उम्र 17 वर्ष, गांव करौदी लाला, जिला अांबेडकर नगर, उत्तरप्रदेश
(एक की पहचान नहीं)
पता चला है कि जहां हादसा हुआ वहा दयाराम का मकान है। 180 वर्ग गज तीन मंजिल पर बने हुए चौथी मंजिल का लेंटर बुधवार को डाला गया था, पुरानी बिल्डिंग इसका भार नहीं झेल पाई और ढह गई।
इस निर्माणाधीन इमारत की चपेट में आसपास की इमारतें भी आ गई हैं जिन्हें काफी नुकसान हुआ है। जेसीबी से मलबे को हटाया जा रहा है। घटनास्थल पर काफी संख्या में लोग जमा हो गए हैं।
पहले भी हुए हैं इस तरह के हादसे
यह पहली बार नहीं, जब दिल्ली-NCR में इमारत ढही है। इससे पहले पिछले साल ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी इलाके में एक इमारत ढह गई थी, जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद इस पर काफी हो-हल्ला मचा था, लेकिन अब भी अवैध और नियमों को ताक पर रखकर इमारतों का निर्माण जारी है।
कब बनी एनडीआरएफ
26 दिसंबर 2005 को आपदा मोचन एक्ट के आधार पर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथारिटी बनाई गई। जिसकी योजना, नीतियों और गाइडलाइंस के आधार पर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) का गठन किया गया. जो प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से एक्सपर्ट के रूप में तुरंत रिस्पांस दे सकें। वर्ष 2006 में आठ बटालियनों के साथ एनडीआरएफ को गठित किया गया। एनडीआरएफ का मतलब नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स यानि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल। भारत में 90 के दशक के आखिर में एक ऐसी फोर्स की जरूरत महसूस होने लगी, जो तमाम तरह की आपदाओं में जाकर लोगों को बचा सके।