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Delhi Weather Forecast News Update: औसत से 2 डिग्री ज्यादा ठंडा रह सकता है नवंबर, जानिये- इसकी वजह

Delhi Weather Forecast News Update नवंबर में न्यूनतम तापमान भी एक अंक में आमतौर पर नहीं जाता है लेकिन इस बार ऐसा सब कुछ हो रहा है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएंगीं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 07:59 AM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 07:59 AM (IST)
Delhi Weather Forecast News Update: औसत से 2 डिग्री ज्यादा ठंडा रह सकता है नवंबर, जानिये- इसकी वजह
आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएंगीं।

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। इस साल दिल्ली में नवंबर की ठंड कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ सकती है। महीने के औसत न्यूनतम तापमान में दो डिग्री तक की गिरावट आने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी अभी और गिरावट आएगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) की मानें तो इसकी मुख्य वजह पश्चिमी विक्षोभों की कमी है। मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में सर्दी तीन माह दिसंबर, जनवरी और फरवरी में ही पड़ती है। नवंबर में हल्की ठंड होती है। इस माह का औसत अधिकतम तापमान भी जहां 28.2 डिग्री सेल्सियस है, वहीं औसत न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन 18 दिनों के दौरान ही यह डेढ़ डिग्री नीचे 11.4 पर आ चुका है। नवंबर में न्यूनतम तापमान भी एक अंक में आमतौर पर नहीं जाता है, लेकिन इस बार ऐसा सब कुछ हो रहा है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएंगीं।

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टूटा 6 दशक का रिकॉर्ड, पश्चिमी विक्षोभ के अभाव में लगातार बढ़ रही ठंड

ऐसा 67 सालों में पहली बार हुआ है जब नवंबर की शुरुआत में ही दिसंबर जैसी ठंड महसूस हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस महीने के पहले पखवाड़े में न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, लेकिन इस बार यह 10 डिग्री तक जा चुका है। इसी सप्ताहांत में नौ डिग्री चले जाने की संभावना है।

ठंड पड़ने की वजह बादलों का नहीं होना

मौसम विज्ञानी बताते हैं कि इस बार समय से पहले और अधिक ठंड पड़ने के पीछे प्रमुख वजह बादलों का नहीं होना है। बादल होते हैं तो धरती और सूर्य से निकलने वाला विकिरण वातावरण में फैल नहीं पाता। ऐसे में तापमान बढ़ता है, जबकि बादल नहीं होने पर यह विकिरण फैल जाता है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ का अभाव भी ठंड को बढ़ावा दे रहा है। ठंड बढ़ने का एक अन्य कारण ला लीना का प्रभाव है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ला लीना अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में है। इस स्थिति में भी कड़ाके की ठंड पड़ती है।

ठंड के टूट सकते हैं कई रिकॉर्ड

स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी के महेश पलावत (Mahesh Palawat, Chief Meteorologist, Skymet Weather)) का कहना है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। नवंबर की शुरुआत से ही ऐसा देखा भी जा रहा है। इतना कम तापमान नवंबर की शुरुआत में कभी नहीं जाता। माह के अंत तक शीत लहर चलने के भी आसार हैं। संभावना यही लग रही है कि यह माह कई रिकॉर्ड तोड़ सकता है।

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