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Delhi: सड़क ही नहीं चांदनी चौक का चेहरा भी चमकेगा, एसआरडीसी ने शुरू की तैयारी

एसआरडीसी के एक अधिकारी के मुताबिक ऐतिहासिक इमारतों के सुंदरीकरण का यह काम चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के दूसरे चरण के तहत होगा। लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक 1.3 किमी लंबी सड़क के दोनों ओर 18 से 20 ऐतिहासिक इमारतें हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 09:43 AM (IST)
Delhi: सड़क ही नहीं चांदनी चौक का चेहरा भी चमकेगा, एसआरडीसी ने शुरू की तैयारी
दिल्ली के चांदनी चौक की फाइल फोटोः जागरण

नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। सड़क ही नहीं मुगलकालीन चांदनी चौक का चेहरा भी चमकेगा। यह कुछ-कुछ अमृतसर के हेरिटेज कारिडोर की तर्ज पर होगा, जिसमें स्वर्ण मंदिर के आसपास की ऐतिहासिक इमारतों को मूल स्वरूप देते हुए आकर्षक बनाया गया है। शाहजहांनाबाद पुनर्विकास निगम (एसआरडीसी) की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को इसकी जिम्मेदारी भी सौंप दी गई है। लाल जैन मंदिर से फतेहपुरी मस्जिद तक 1.3 किमी लंबी सड़क के दोनों ओर 18 से 20 ऐतिहासिक इमारतें हैं। इसमें स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआइ) की बिल्डिंग के साथ कई हवेलियां और इमारतें हैं, जिनके सामने के हिस्से को दुरुस्त किया जाएगा।

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एसआरडीसी के एक अधिकारी के मुताबिक ऐतिहासिक इमारतों के सुंदरीकरण का यह काम चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के दूसरे चरण के तहत होगा। दिसंबर 2018 से चल रहे पहले चरण में लटकते तारों को भूमिगत तथा पाइपलाइनों को दुरुस्त करते हुए मुख्य मार्ग को मोटर वाहन रहित (एनएमवी) बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि एनएमवी लेन को सामने लालकिला को ध्यान में रखते हुए लाल पत्थरों से बनाया जा रहा है। इसके साथ ही फुटपाथ को चौड़ा कर उस पर हरियाली विकसित की जा रही है। विंटेज लैंप के साथ आकर्षक बेंच लगाए जाएंगे। फुटपाथ को सड़क के मध्य सेंट्रल वर्ज पर लाया गया है।

माना जा रहा है कि प्रथम चरण का काम इस वर्ष मार्च तक पूरा हो जाएगा। हालांकि, इसकी राह में आ रहे हनुमान मंदिर को हटाए जाने से वर्तमान में परियोजना को लेकर विवाद की स्थिति भी पैदा हो गई है। परियोजना से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक ऐतिहासिक इमारतों के सड़क से लगते हिस्सों को दुरुस्त करने तथा आकर्षक बनाने के लिए जल्द कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इसके लिए नए सिरे से सलाहकार नियुक्त करना होगा। दरअसल, इस परियोजना से जुड़े रहे सलाहकार प्रदीप सचदेवा का इस वर्ष मई में निधन हो गया था। वैसे, चांदनी चौक में मौजूद ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण को लेकर एसआरडीसी पहले से गंभीर रहा है। इसके लिए वर्ष 2014 में कार्ययोजना भी तैयार करा ली गई थी।

हालांकि, कुछ कारणों से मामला उससे आगे नहीं बढ़ा। एसआरडीसी के इस फैसले पर खुशी जताते हुए चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजय भार्गव ने कहा कि उन्होंने पिछले वर्ष जुलाई में परियोजना की प्रगति का स्थलीय निरीक्षण करने आए मुख्यमंत्री केजरीवाल और पीडब्ल्यूडी मंत्री व एसआरडीसी के चेयरमैन सत्येंद्र जैन को इस संबंध में विस्तृत मांग पत्र सौंपा था। इसके बाद ईमेल कर इसकी महत्ता से अवगत कराया था। एसआरडीसी को इस काम में कारोबारी संगठन से भी पूरी मदद की जाएगी, क्योंकि इसमें कई इमारतें निजी हैं। इसके लिए उसके मालिक से भी सहमति लेनी होगी।

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