Bike taxi scam: 8 लाख लोगों से हुई हजारों करोड़ की ठगी, वायरल ऑडियो से सनसनीखेज खुलासा
जाल दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं था बल्कि गुजरात राजस्थान और पंजाब के लोगों को भी उसने ठग लिया।
नोएडा [धर्मेंद्र चंदेल]। Bike taxi scam in Noida: बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी ने पौंजी स्कीम के तहत ढाई लाख नहीं, बल्कि आठ लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी की थी। उसका जाल दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं था, बल्कि गुजरात, राजस्थान और पंजाब के लोगों को भी उसने ठग लिया। एक वर्ष में धनराशि दोगुना करने का सपना दिखाकर उसके द्वारा निवेशकों से अभी तक 1400 करोड़ रुपये ठगने की बात सामने आ रही थी, लेकिन यह राशि 4200 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। इसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ है। इसमें एक व्यक्ति स्वयं को संजय भाटी का वकील बता रहा है। दूसरा व्यक्ति अपने आपको निवेशक बताते हुए कह रहा है कि उसने 84 लाख रुपये पौंजी स्कीम में लगाए हैं। वकील से वह पैसे वापस दिलाने की गुहार लगा रहा है। व्यक्ति कहता है कि संजय भाटी ने ढाई लाख लोगों के साथ ठगी की है। अपने आपको अधिवक्ता बताने वाला व्यक्ति कहता है कि ढाई लाख नहीं, निवेशकों की संख्या आठ लाख है। जवाब में वकील कहता है कि हमें भी दुख है, लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन हम क्या करें, वकील प्रोफेशनल होते हैं, जो भी हमारे पास आएगा, उसकी कानूनी लड़ाई लड़ना हमारी मजबूरी है।
गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा के चीती गांव का रहने वाला संजय भाटी जीआइपीएल बाइक बोट के नाम से कंपनी चलाता है। उसने पौंजी स्कीम में लोगों को सपना दिखाकर निवेश की गई धनराशि को साल भर में दोगुनी करने का वादा किया था। कम समय में धनराशि दोगुना होने के प्रलोभन में निवेशक उसके बुने जाल में फंसते चले गए। उत्तर प्रदेश के मेरठ से तीन वर्ष पहले उसने पौंजी स्कीम के गोरखधंधे को शुरू किया था। तीन वर्ष के अंदर ही उसने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, दादरी, दिल्ली, हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, सोहना, पानीपत, राजस्थान के जयपुर आदि कई शहरों में भी फ्रेंचाइजी खड़ी कर दी। फ्रेंचाइजी चलाने वालों को फॉर्च्यूनर गाड़ी इनाम में देने का लालच दिया, ताकि वे निवेशकों की चेन को लंबा करते रहे। तीन-तीन के गुणक में उसने निवेशकों की लंबी चेन खड़ी कर दी।
राजनीतिक चोला ओढ़ने के लिए उसने बसपा से लोकसभा सीट का टिकट भी मांगा था। पार्टी ने उसे गौतमबुद्ध नगर लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी भी घोषित किया था, लेकिन इसी बीच उसके खिलाफ शिकायत आने के बाद दादरी कोतवाली में धोखाधड़ी के मामले दर्ज होने लगे। रिपोर्ट दर्ज होते ही बसपा ने उसे प्रभारी पद से हटा दिया था। वहीं, उसके एक अन्य करीबी के विदेश भागने की भी चर्चाएं हैं।
निवेशकों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी
संजय भाटी ने शहरों में सार्वजनिक स्थानों व मुख्य चौराहों पर दिखावे के लिए गिनी-चुनी बाइकें खड़ी कीं। बाइकों को किराये पर चलाने का संदेश दिया, लेकिन उसका उदेश्य बाइकों को किराये पर चलाना नहीं, बल्कि शुरुआती दौर में निवेशकों का विश्वास जीतकर धन ऐंठना था। उसने पहले एक निवेशक जोड़ा। संख्या बढ़ने पर उसने प्रत्येक निवेशक को तीन और नए निवेशक जोड़ने पर प्रति बाइक तीन हजार रुपये का कमीशन देने का प्रलोभन दिया। इससे निवेशकों की चेन लंबी होती चली गई। निवेशक से बाइक के लिए चेक से पैसा लेता था। एक बाइक के लिए निवेशक से 62100 रुपये लिए जाते थे। उसे प्रति माह 9765 रुपये की किस्त देने का वादा किया गया। निवेशक को 12 महीनों में 117180 रुपये दिए जाने थे। नए निवेशक जोड़ने के लिए कुछ दिन तक पुराने निवेशकों को धनराशि दी गई। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा और उन्होंने अपनी जमा पूंजी को संजय भाटी की बाइक बोट कंपनी में लगा दिया।
निवेश के बदले अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी करने वाली नोएडा की बाइक बोट कंपनी के खिलाफ देशभर से जुटे निवेशकों ने सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वहां से पुलिस के हटाने के बाद प्रदर्शनकारियों ने जंतर-मंतर का रुख किया। वहां पर बैठक की। इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि कंपनी में साढ़े सात लाख लोगों ने लगभग 4200 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किए थे। ऐसे में कंपनी ने प्रत्येक निवेशक को 9765 रुपये प्रति माह देने का वादा भी किया था, लेकिन अब कंपनी का कुछ पता नहीं है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कंपनी ने निवेशकों को कुछ समय तक एनईएफटी के माध्यम से बैंक खाते में रुपये भी जमा करवाए, जिससे निवेशकों का कंपनी पर पूरा भरोसा रहे, लेकिन दिसंबर 2018 से रुपये नहीं जमा नहीं करवाए गए।
बयान दर्ज करने के संबंध में अनुमति मांगी
लाखों निवेशकों से अरबों की ठगी करने वाले बाइक बोट कंपनी के मालिक संजय भाटी के बयान पुलिस जेल में जाकर दर्ज करेगी। पुलिस ने सोमवार को कोर्ट से बयान दर्ज करने के संबंध में अनुमति मांगी थी। कोर्ट ने पुलिस को अनुमति दे दी है। वहीं, जेल में बंद बाइक बोट के फ्रेंचाइजी हेड विजय पाल कसाना को कोर्ट ने मंगलवार को तलब किया है। उस दौरान ही रिमांड अर्जी पर सुनवाई होगी। पुलिस द्वारा कोर्ट से विजय पाल की सात दिन की रिमांड मांगी गई है।
बता दें कि अरबों रुपये की ठगी करने वाले बाइक बोट के मालिक संजय भाटी ने बीते शुक्रवार को जिला न्यायालय में समर्पण कर दिया था। उससे एक दिन पहले पुलिस ने फ्रेंचाइजी हेड विजय पाल को भी गिरफ्तार किया था। दोनों गौतमबुद्ध नगर जिला जेल में बंद हैं। संजय को नवआगंतुक बैरक में रखा गया है और सड़क हादसे में घायल होने की वजह से विजय पाल को जेल के अस्पताल में रखा गया है। पुलिस का कहना है कि जेल में संजय भाटी के बयान दर्ज करने के बाद ही उसकी रिमांड के संबंध में अर्जी कोर्ट में दाखिल की जाएगी। वहीं पुलिस के संपर्क में आठ और निवेशक आए हैं, जो ठगी के शिकार हुए हैं। पुलिस आठों निवेशकों के बयान दर्ज करेगी। दादरी कोतवाली में दर्ज 33 मुकदमों में ही अन्य निवेशकों का नाम शामिल किया जा रहा है।
वैभव कृष्ण (एसएसपी गौतमबुद्ध नगर) ने बताया कि पुलिस को अभी तक ढाई लाख निवेशकों की जानकारी मिली है। यह संख्या बढ़ सकती है। मेरे पास सोमवार को गुजरात से फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि गुजरात के भी अनेक निवेशकों ने बाइक बोट कंपनी में निवेश किया है। इससे लग रहा है कि निवेशकों की संख्या अधिक है।
अभी दादरी कार्यालय की हुई है छानबीन
धोखाधड़ी के मामले दर्ज होने के बाद पुलिस ने दादरी में बाइक बोट कंपनी के कार्यालय पर जाकर छानबीन की। कार्यालय से करीब ढाई लाख लोगों के पैनकार्ड व आधार कार्ड मिले हैं। अभी दिल्ली, मेरठ, जयपुर समेत अन्य शहरों में बने बाइक बोट के कार्यालयों पर छानबीन नहीं की गई है। वहां पर जांच के बाद निवेशकों की संख्या आठ लाख तक पहुंचने की बात सामने आ सकती है।
जेल जाने से, ठगने से बचे कई अन्य निवेशक
विनीत जायसवाल (एसपी देहात, नोएडा) के मुताबिक, बाइक बोट पर शिकंजा कसते ही कंपनी की कुछ अन्य योजनाओं पर विराम लग गया। कंपनी बाजार में जल्द ही कई जिलों में इलेक्ट्रॉनिक बाइक भी उतारने वाली थी, लेकिन इससे पहले ही कंपनी के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने शुरू हो गए। जेल में जाकर पुलिस संजय भाटी के बयान दर्ज करेगी। उसके बयान के आधार पर ही रिमांड के लिए अर्जी दाखिल की जाएगी।
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