Tokyo Paralympics 2020: गौतमबुद्धनगर के डीएम सुहास एलवाइ ने पहले मुकाबले में जर्मनी के जेएन पाट को हराया
दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी सुहाल एलवाई ने जर्मनी के जान निकलस पाट को पुरुष एकल ग्रुप-ए (क्लास एसएल-4) के पहले मैच में 21.9 21.3 से हरा दिया। अब उनका दूसरा मुकाबला इंडोनेशिया के हेनरी सुसांतों से होगा।
नई दिल्ली/नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। भारतीय पैरा शटलर व गौतमबुद्धनगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाइ ने बृहस्पतिवार को टोक्यो पैरा ओलिंपिक के बैडमिंटन पुरुष एकल वर्ग में शानदार शुरुआत की। दुनिया के नंबर तीन खिलाड़ी सुहाल एलवाई ने जर्मनी के जान निकलस पाट को पुरुष एकल ग्रुप-ए (क्लास एसएल-4) के पहले मैच में 21.9, 21.1 से हरा दिया। अब उनका दूसरा मुकाबला इंडोनेशिया के हेनरी सुसांतों से होगा। इस प्रतियोगिता को 2 समूह में बांटा गया है। प्रत्येक समूह में चार-चार खिलाड़ी हैं। समूह-ए में सुहास एलवाइ को रखा गया है।
सुहास एलवाइ विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी हैं। ग्रुप स्टेज में पहले दो स्थान पर रहने वाले शटल को सेमीफाइनल में प्रवेश मिलेगा। लिहाजा सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए कम से कम दो मुकाबले जीतने होंगे। चार सितंबर को सेमीफाइनल और पांच सितंबर को खिताबी मुकाबला खेला जाएगा।
सुहास एलवाइ ने पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है। लिहाजा उनसे टोक्यो पैरा ओलिंपिक से तमगा लाने का पूरा भरोसा है। सुहास एलवाइ द्वारा पहला मुकाबला जीतने के बाद शहर के लोगों में खुशी का माहौल है। लोग सुबह से सुहास एलवाई के मैच को देखने के लिए टीवी खोलकर बैठ गए थे।
बता दें कि सुहास एलवाइ देश के पहले प्रशासनिक अधिकारी हैं, जो पैरालिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सुहास एलवाई कहते हैं कि हर खिलाड़ी पदक जीतने के मकसद से आता है। फ्रांस के खिलाड़ी लूकस मोजुर विश्व रैंकिंग में पहले पायदान पर काबिज हैं। उनसे कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है।
मूलरूप से कर्नाटक निवासी सुहास एलवाइ का सिविल सेवा में वर्ष-2007 में चयन हुआ था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर एक वर्ष नौकरी की, लेकिन मन में कुछ अलग करनी की चाह थी, जिसके बाद सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए।
सुहास एलवाइ कहते हैं कि जिस चीज में दिलचस्पी हो उसे दूरी बनाना मुश्किल है। सिविल सेवा में आने और बैडमिंटन खेलने की पीछे यही कारण है। बचपन में क्रिकेट और बैडमिंटन खेलने का शौक था। कालेज के दौरान बैडमिंटन को पूरी तरह से अपना लिया। आइएएस की ट्रेनिंग के दौरान भी अकादमी के विजेता रहे। 2016 में आजमगढ़ के डीएम रहने के दौरान राज्य स्तरीय टूर्नामेंट का आयोजन हुआ था। वहां कुछ राज्य स्तरीय खिलाड़ियों के साथ खेला तो जीत गए, जिससे उनके हौसले बढ़ गए। नवंबर 2016 में चीन के बीजिंग में हुई एशियन चैंपियनशिप में शिरकत की और खिताब जीत लिया। 2019 मार्च से 2020 मार्च तक बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन की ओर से 14 चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था, जिनमें से 12 में शिरकत की थी। इनमें कुछ में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक जीते थे।