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Coronavirus Vaccine Trial: देशी वैक्सीन लगवाकर AIIMS से घर लौटा युवक, नहीं दिखा कोई दुष्परिणाम

Coronavirus Vaccine Trial News Update टीका लगाने के बाद युवक को लगातार दो घंटे निगरानी में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 11:25 AM (IST)
Coronavirus Vaccine Trial: देशी वैक्सीन लगवाकर AIIMS से घर लौटा युवक, नहीं दिखा कोई दुष्परिणाम
Coronavirus Vaccine Trial: देशी वैक्सीन लगवाकर AIIMS से घर लौटा युवक, नहीं दिखा कोई दुष्परिणाम

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेट द्वारा विकसित कोरोना के पहले स्वदेशी टीका कोवैक्सिन का एम्स (All India Institute of Medical Sciences) में शुक्रवार को ट्रायल शुरू हो गया। पहले दिन दिल्ली के रहने वाले एक 30 वर्षीय युवक को दोपहर में यह टीका लगाया गया। इसके बाद युवक में कोई तत्कालीक रिएक्शन (दुष्परिणाम) नहीं दिखा। इस वजह से युवक को दो घंटे निगरानी में रखने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। एम्स के डॉक्टर फोन से उस युवक के संपर्क में रहेंगे। एम्स में इस क्लीनिकल ट्रायल के प्रमख शोधकर्ता डॉ संजय राय ने कहा कि पहले दिन टीका लगाने के लिए दो वॉलेंटियर को बुलाया गया था। जिसमें से एक व्यक्ति अस्पताल पहुंचे। दूसरे व्यक्ति अपने निजी कारण से अस्पताल नहीं पहुंच पाए। उन्होंने शनिवार को आने के लिए समय दिया है। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए कुछ और लोगों को भी टीका लगाने के लिए शनिवार को बुलाया जाएगा।

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उल्लेखनीय है कि पहले चरण में देश भर के 12 संस्थानों में 375 लोगों पर यह ट्रायल होना है। इसके तहत एम्स में 100 को टीका लगाकर उसका परीक्षण किया जाना है। डॉक्टर एक साथ अधिक लोगों को टीका लगाकर जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसलिए संभलकर कदम आगे बढा रहे हैं। शनिवार को चार से पांच लोगों को टीका लगाया जा सकता है।

डॉ संजय राय ने कहा कि पहले चरण में टीका की सेफ्टी की जांच की जाती है। यही वजह है कि युवक को टीका लगाने के बाद दो घंटे तक अस्पताल में निरगानी में रखा गया। इस दौरान उनमें कोई परेशानी नहीं देखी गई। तब उन्हें घर वापस भेज दिया गया। इस ट्रायल में कम्युनिटी मेडिसिन के विशेषज्ञ डॉ पुनीत मिश्रा भी शामिल हैं।

डॉक्टर कहते हैं कि टीका लगवाने वाले सभी वालेंटिर का प्रतिदिन फोन के जरिये फालोअप किया जाएगा। साथ ही उन्हें एक डायरी भी दी जा रही है। कुछ भी परेशानी महसूस होने पर उस डायरी में लिखना होगा। सात दिन बाद फालोअप जांच के लिए उन्हें अस्पताल बुलाया जाएगा। इस बीच किसी तरह की ज्यादा परेशानी होने पर उन्हें तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

पहले फेज का ट्रायल पूरा होने में लग सकता है एक माह

एक टीका लगने के 14 दिन बाद दूसरा डोज दिया जाएगा। इस वजह से पहले चरण का ट्रायल पूरा होने में करीब एक माह समय लग सकता है। 


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