हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, 15 दिन में अपनी-अपनी जगह ड्यूटी करेंगे कर्नल पति-पत्नी
कर्नल दंपती द्वारा दायर याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि 15 दिन में अपने-अपने नियुक्ति स्थल पर पहुंचना होगा। सेना के इस फैसले पर अदालत के दखल देने की स्थिति नहीं रह जाती है।
नई दिल्ली, सुशील गंभीर। अलग-अलग स्थानों पर तैनात करने के फैसले के खिलाफ कर्नल दंपती द्वारा दायर याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि 15 दिन में अपने-अपने नियुक्ति स्थल पर पहुंचना होगा। न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंड लॉ और न्यायमूर्ति आशा मेनन की पीठ ने कर्नल अमित कुमार और कर्नल अनु डोगरा से कहा है कि सेना की तरफ से जो आदेश जारी किया गया है, उसमें किसी नियम को ताक पर रखने या भेदभाव जैसा कोई प्रमाण नहीं है।
सेना के आदेश में सभी तथ्यों का ध्यान रखा गया
इसलिए इसमें अदालत के दखल देने की स्थिति नहीं रह जाती है। पीठ ने कहा कि सेना की तरफ से जारी आदेश में सभी तथ्यों का ध्यान रखा गया है। पिछली सुनवाई पर सेना ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया था। सेना ने तैनाती पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा था कि ऑपरेशनल स्थिति के कारण कर्नल दंपती की तैनाती अलग-अलग जगह की गई है।
वर्तमान में दोनों जोधपुर में हैं तैनात
कर्नल अमित कुमार व उनकी पत्नी कर्नल अनु डोगरा सेना के जज एडवोकेट जनरल (जैग) ब्रांच में हैं। वर्तमान में दोनों ही जोधपुर में तैनात हैं। 15 मई को सेना ने अमित की तैनाती अंडमान और निकोबार में पोर्ट ब्लेयर और अनु की तैनाती पंजाब के बठिंडा में करने का आदेश जारी किया था।
सेना के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में दंपती ने दायर की थी याचिका
सेना के इस आदेश के खिलाफ दंपती ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। कर्नल अमित कुमार ने याचिका में आरोप लगाया था कि भारतीय सेना के जैग व दक्षिण कमान मुख्यालय पुणे के डिप्टी जैग के खिलाफ एक वैधानिक शिकायत दर्ज की थी। जिसके कारण उनका अलग-अलग स्थानों पर तबादला किया गया है।
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