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सपनों के घर में लगाई घटिया सामग्री तो खैर नहीं, अब देने होंगे 20 लाख रुपये

घटिया बुनियाद डालने वाली निर्माण कंपनी पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह रकम बुजुर्ग शिकायतकर्ता को बतौर मुआवजा मिलेगी जिनके प्लॉट पर निर्माण कंपनी ने घर का निर्माण किया था। यह केस कई लोगों के लिए नजीर बनेगी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 03:10 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 03:10 PM (IST)
सपनों के घर में लगाई घटिया सामग्री तो खैर नहीं, अब देने होंगे 20 लाख रुपये
घटिया बुनियाद डालने वाली निर्माण कंपनी पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।

नई दिल्ली [सुशील गंभीर]। मजबूत घर का सपना दिखाकर घटिया बुनियाद डालने वाली निर्माण कंपनी पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। यह रकम बुजुर्ग शिकायतकर्ता को बतौर मुआवजा मिलेगी, जिनके प्लॉट पर निर्माण कंपनी ने घर का निर्माण किया था। कंपनी ने आयोग में अपना पक्ष भी नहीं रखा। इस पर आयोग ने कहा कि इससे साफ होता है कि निर्माण कार्य में लापरवाही बरती गई है। कीर्ति नगर निवासी अशोक वर्मा ने भारत ग्रुप के खिलाफ अधिवक्ता मिर्जा असलम बेग के मार्फत राज्य उपभोक्ता आयोग में केस दायर किया गया था।

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शिकायत में कहा गया था कि वर्मा के 200 मीटर के प्लॉट पर पहले से ही घर बना हुआ था। भारत ग्रुप की तरफ से 2010 में उनसे संपर्क कर कहा गया कि प्लाट पर नया घर बनाकर देंगे और बदले में एक फ्लोर कंपनी अपने पास रखेगी। इस पर दोनों पक्षों में अनुबंध हुआ। कंपनी की तरफ से सबमर्सिबल पंप लगाने की बात कही गई थी। कुछ समय बाद निर्माण कार्य पूरा हुआ तो पता चला कि सबमिर्सबल पंप लगाया ही नहीं गया। दिल्ली जल बोर्ड ने अनुमति नहीं दी या कभी आवेदन किया ही नहीं गया, इस बारे में भी कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर पर जो पार्किंग बनाई गई, उसका निर्माण स्तर काफी खराब था।

घर में भी जो बिजली के तार व अन्य सामान लगाया गया था, वे भी बेहद खराब किस्म के थे। कंपनी से जब यह सब खामियां दूर करने के लिए कहा गया, तो ऐसा नहीं किया गया। उपभोक्ता आयोग ने इस शिकायत को मंजूर करते हुए पाया कि आयोग की तरफ से जारी नोटिस के बावजूद कंपनी ने अपना पक्ष नहीं रखा। इसलिए उसे सेवा में कोताही बरतने का दोषी मानते हुए एक्स पार्टी घोषित कर उपभोक्ता के हक में फैसला दिया गया। कंपनी को घटिया निर्माण को ठीक करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया में उपभोक्ता को जो मानसिक प्रताड़ना हुई, उसकी एवज में 20 लाख रुपये मुआवजा देना होगा।

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