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दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से नही हुई थी 21 मरीजों की मौत, कोर्ट में पुलिस का दावा

दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को रोहिणी कोर्ट को बताया कि अप्रैल महीने में जयपुर गोल्डन अस्पताल में 21 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नही हुई थी। पुलिस का यह दावा अस्पताल प्रशासन के दावे से बिल्कुल अलग है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 06:45 PM (IST)
दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से नही हुई थी 21 मरीजों की मौत, कोर्ट में पुलिस का दावा
दिल्ली जयपुर गोल्डन अस्पताल की फाइल फोटोः एएनआइ

नई दिल्ली, पीटीआइ / जागरण संवाददाता। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को रोहिणी कोर्ट को बताया कि अप्रैल महीने में जयपुर गोल्डन अस्पताल में 21 मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नही हुई थी। पुलिस का यह दावा अस्पताल प्रशासन के दावे से बिल्कुल अलग है। अस्पताल ने ऑक्सीजन की कमी से मौत का दावा किया था। अस्पताल ने कोर्ट में कहा कि कई अलर्ट के बावजूद उन्हें 30 घंटे तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई थी। इसकी वजह से कोरोना मरीजों की मौत हुई।

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कोविड मरीजों की मौत के लिए अस्पताल के खिलाफ प्राथमिकी की मांग वाली एक याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि सभी मरीजों की मौत की जांच करने पर पता चला कि ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। डीसीपी प्रणव तायल ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विवेक बेनीवाल को बताया कि चूंकि आरोप डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खिलाफ हैं, इसलिए दिल्ली मेडिकल काउंसिल से किसी भी तरह की चिकित्सकीय लापरवाही के बारे में राय मांगी गई है।

कोर्ट में अस्पताल ने कहा कि 22 अप्रैल को शाम 5:30 बजे 3.8 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई थी। 23 अप्रैल को शाम साढ़े पांच बजे निर्धारित समय पर कोई रिफिल नहीं दिया गया। इसके परिणामस्वरूप संकट की स्थिति पैदा हो गई। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी बताया कि कैसे घटना से पहले और बाद में प्रतिदिन औसत मृत्यु दर क्रमशः दो और तीन थी, जो 7-8 घंटों के भीतर बढ़कर 21 हो गई। अस्पताल ने कहा कि मरीजों की मौत की प्रारंभिक जांच के बाद प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हुआ कि इन मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई।

क्या है पूरा मामला

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 23-24 अप्रैल की मध्यरात्रि को कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पताल में 21 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। मृतक के परिवार के सदस्यों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और दावा किया कि यह मौत डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हुई। इसलिए अस्पताल प्रबंधन को दंडित किया जाना चाहिए। याचिका में कहा गया कि पुलिस ने आरोपितों को न तो गिरफ्तार किया और न ही उनके खिलाफ जांच शुरू की।


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