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आनंद विहार बस अड्डे पर इकट्ठा न हों यूपी-उत्तराखंड व बिहार के लोग, नहीं जाएंगी बसें

डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से कोई भी बस उत्तर प्रदेश बिहार और उत्तराखंड के लिए नहीं जाती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 19 May 2020 12:49 PM (IST)
आनंद विहार बस अड्डे पर इकट्ठा न हों यूपी-उत्तराखंड व बिहार के लोग, नहीं जाएंगी बसें
आनंद विहार बस अड्डे पर इकट्ठा न हों यूपी-उत्तराखंड व बिहार के लोग, नहीं जाएंगी बसें

नई दिल्ली, एएनआइ। दिल्ली पुलिस ने प्रवासी कामगारों से अपील की है कि वे आनंद विहार बस अड्डे पर इकट्ठा न हों। दिल्ली पुलिस के डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के आनंद विहार बस अड्डे से कोई भी बस उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड के लिए नहीं जाती है। लोगों से अपील की जाती है कि वे यहां इकट्ठा न हों।

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जसमीत सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डे से यूपी-बिहार और उत्तराखंड के लिए कोई बस नहीं जा रही है। लोग अफवाहों पर ध्यान न दें।

उधर, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने बताया कि दिल्ली से अब तक 65000 प्रवासी लोगों को राज्य सरकार ट्रेनें के जरिए उनके प्रदेशों में भेज चुकी है। उन्होंने बताया कि अन्य राज्यों में फंसे दिल्ली के लोगों के लिए उनकी सरकार विभिन्न राज्यों से अनुमति मांग रही है।

स्क्रीनिंग सेंटर पर हो रही भीड़ शारीरिक दूरी का भी उल्लंघन

बता दें कि पूर्वी जिले में ईस्ट और वेस्ट विनोद नगर के दो राजकीय स्कूलों में बनाए गए स्क्रीनिंग सेंटरों पर सोमवार को हजारों लोग जुटे। इसमें दूसरे प्रदेशों में जाने वाले कामगारों व उनके स्वजनों के साथ वे लोग भी शामिल रहे जो अपने वाहनों से जाएंगे। भीड़ अधिक होने से अधिकारियों के हाथ-पांव फूल रहे थे। ऊपर से गर्मी ने सभी को पसीने-पसीने किया हुआ था। सेंटरों के बाहर लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थीं। लोग अपने साथ बोरिया-बिस्तर भी लेकर पहुंचे हुए थे।

धूप से बचने के लिए लोगों ने अपने सिर के ऊपर कपड़ों की गठरी तक रखी हुई थी। बिहार, उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग हुई। यहां शारीरिक दूरी का उल्लंघन भी देखने को मिला। लोग एक-दूसरे से बिल्कुल सटकर खड़े हुए थे। भीड़ काफी ज्यादा बढ़ने पर पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। वे रोते हुए बार-बार एक ही बात दोहरा रहे थे कि उन्हें किसी भी तरह घर पहुंचा दो। जिन लोगों की स्क्रीनिंग हुई, प्रशासन ने उन्हें तत्काल डीटीसी की बसों में बैठाया और रेलवे स्टेशन लेकर गए। वहां से कामगार और उनके स्वजन ट्रेनों में बैठकर अपने प्रदेशों के लिए रवाना हुए। लोगों की संख्या अधिक होने की वजह से बहुत से लोगों की स्क्रीनिंग नहीं हो सकी।


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