Nizamuddin Tablighi Jamat: लंबे समय तक सील रहेगा मरकज, इमारत का भविष्य अधर में
नगर निगम ने मरकज से प्रशासन से इसके मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। वहीं निगम पिछले कई सालों के हाउस टैक्स प्रॉपर्टी टैक्स और बिजली कनेक्शन संबंधी दस्तावेज जुटा रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में हजारों जमातियों ने गैरकानूनी तरीके से जमा होकर लॉकडाउन का जिस तरह से उल्लंघन किया। उससे अब इस इमारत का भविष्य अधर में लटक गया है। लॉकडाउन तो कुछ दिनों में खुल जाएगा, लेकिन अवैध तरीके से बनी इस इमारत पर लगी सील जल्द खुलने की उम्मीद नहीं है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के सूत्रों के अनुसार, मामले की जांच चल रही है। इसलिए अभी यह पुलिस के अधीन है। इसके बाद नगर निगम भी जांच करेगा। निगम के अधिकारी इसकी पुरानी फाइलें खंगाल रहे हैं।
नगर निगम ने मरकज से प्रशासन से इसके मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज मांगे हैं। वहीं, निगम पिछले कई सालों के हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स और बिजली कनेक्शन संबंधी दस्तावेज जुटा रहा है। निगम ने इस संबंध में मार्केट प्रशासन से जवाब भी मांगा है।
मरकज में वर्षो तक अवैध रूप से निर्माण कार्य चलता रहा, लेकिन निगम अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय पार्षद तक खामोश रहे। स्थानीय लोगों की बार-बार शिकायत के बावजूद निगम अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। नतीजतन देखते ही देखते सात मंजिला इमारत खड़ी कर दी गई। हालांकि, अब इमारत के चर्चा में आने के बाद निगम प्रशासन का दावा है कि मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जांच में यदि मरकज प्रबंधन उचित दस्तावेज नहीं दिखा पाता है तो इसे ध्वस्त भी किया जा सकता है।
बता दें कि निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में आए जमातियों ने दिल्ली समेत पूरे देश में लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। दिल्ली में कोरोना के कुल 1561 संक्रमितों में 1080 जमाती हैं। इनमें 396 लोग विदेश से बीमारी लेकर आए या संक्रमित के संपर्क में आए। 85 मरीजों में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल सका है। राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में 1429 लोग भर्ती हैं, जिनमें 818 संक्रमित और 553 संदिग्ध मरीज हैं। अभी 715 सैंपल की जांच रिपोर्ट आनी शेष है।