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Nizamuddin Markaz: मौलाना साद के बेटे से पुलिस ने की पूछताछ, मांगी 20 लोगों के बारे में जानकारी

Nizamuddin Tablighi Jamaat निजामुद्दीन तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद के बेटे से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 12:29 PM (IST)
Nizamuddin Markaz: मौलाना साद के बेटे से पुलिस ने की पूछताछ, मांगी 20 लोगों के बारे में जानकारी
Nizamuddin Markaz: मौलाना साद के बेटे से पुलिस ने की पूछताछ, मांगी 20 लोगों के बारे में जानकारी

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में कोरोना को लेकर बड़ा संकट खड़ा करने वाले तब्लीगी मरकज के प्रमुख मौलाना मुहम्मद साद के मझले बेटे यूसुफ को क्राइम ब्रांच ने पहली बार कमला मार्केट स्थित कार्यालय बुलाकर करीब चार घंटे तक पूछताछ की। उससे मरकज में आने वाले जमातियों व उनके ठहराने व खाने पीने से लेकर सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले कर्मचारियों, मौलाना साद व प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलानाओं के बारे में पूछताछ की गई है।

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यूसुफ से पता चला है कि साद ने करीब 30 कर्मचारियों को वहां आने वाले जमातियों की सारी व्यवस्था कराने के लिए रखा था। सात ट्रैवल एजेंट भी अधिकांश समय मरकज में रहते थे। ये लोग विदेश से आने वाले जमातियों को उनकी जरूरत के मुताबिक सुविधाएं मुहैया कराते थे।

साद ने तीनों बेटों, एक भांजे और प्रबंधन से जुड़े छह मौलानाओं को मरकज की जिम्मेदारी सौंप रखी है। इसमें मझला बेटा यूसुफ सबसे ज्यादा सक्रिय है। दो दिन पूर्व ईडी ने भी साद के बेटे यूसुफ और साढू से पूछताछ की थी। दोनों से साद के वित्तीय मामलों की जानकारी ली गई। दोनों ने जहां कुछ सवालों के जवाब दिए तो कुछ पर चुप्पी साध गए।

कुछ इस तरह चला सवाल-जवाब का सिलसिला

सवाल : पैसा कहां से आता है?

जवाब : ये पैसा मरकज में आने वाले जमाती देते थे, हम किसी मनी लॉन्डिंग में शामिल नहीं हैं।

सवाल : मरकज के एकाउंट और पैसे का हिसाब किताब कौन रखता है?

जवाब : हमारा सीए।

सवाल : विदेशों से जो पैसा भेजा जाता था, उसके पीछे क्या मकसद था?

जवाब : इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया, टाल-मटोल करने की कोशिश की। पैसों का हिसाब किताब मौलाना साद का भांजा ओवैस देखता था।

सवाल : पैसों के हिसाब-किताब में मौलाना साद की कितनी दखल होती थी?

जवाब : उन्हें जानकारी दी जाती थी क्योंकि मरकज के अमीर वही हैं।

सवाल : ज्यादातर पैसा कहां से आता था? कैश का हिसाब कैसे रखते हो?

जवाब : ऐसा कुछ नहीं है। अलग-अलग देशों से जिससे जो बन पड़ता था वो देता था।


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