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अयोध्‍या फैसले और अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए संघ और सरकार के बीच चार घंटे हुआ मंथन

अयोध्‍या पर सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फैसले और देश की अर्थव्‍यवस्‍था को तेजी देने के लिए सरकार और संघ के बीच गुरुवार को गंभीर मंथन हुआ।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 10:02 PM (IST)Updated: Fri, 08 Nov 2019 07:35 AM (IST)
अयोध्‍या फैसले और अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए संघ और सरकार के बीच चार घंटे हुआ मंथन
अयोध्‍या फैसले और अर्थव्‍यवस्‍था में तेजी लाने के लिए संघ और सरकार के बीच चार घंटे हुआ मंथन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो/ एजेंसी। एक तरफ अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार तो दूसरी तरफ आर्थिक सुस्ती के कारण सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में संघ भाजपा और सरकार इन दो मुद्दों पर चिंतन करने में जुटे हैं।गुरुवार को लगभग चार घंटे तक चली समन्वय बैठक में भाजपा और संघ के बीच सेतु का काम कर रहे कृष्णगोपाल, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्र सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, संतोष गंगवार समेत कई नेताओं ने इन दोनों मुद्दों पर मंथन किया।

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सूत्र बताते हैं कि अयोध्या पर आने वाले फैसले के बाद समाज में समरसता और शांति बनाए रखना सबसे बड़ा मुद्दा था। पिछले दिनों संघ, भाजपा और अल्पसंख्यक नेताओं एवं धर्मगुरुओं की बैठक में भी इसी मुद्दे पर विचार हुआ था।

बताते हैं कि गुरुवार की बैठक में यह तय हुआ है कि केंद्र सरकार के बड़े मंत्रियों, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की ओर से अलग-अलग शहरों में पत्रकार वार्ता के जरिये शांति संदेश देने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा देश के नाम संबोधन भी हो सकते हैं। बैठक में आर्थिक हालात पर भी चर्चा हुई। केंद्रीय मंत्री को ऐसे सभी कदम उठाने का सुझाव दिया गया है जिससे खास तौर पर गरीब तबके को तत्काल राहत मिल सके।

सूचना है कि बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़े राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छह अनुषांगिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारियों ने भाग लिया। ये भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, स्वदेशी जागरण मंच, लघु उद्योग भारती, सहकार भारती व ग्राहक पंचायत हैं। 

माना जा रहा है कि इस बैठक में संघ के अनुषांगिक संगठनों ने सूक्ष्म व लघु उद्योग का मापदंड बदलने, श्रम कानून बदलाव से उपजी चिंताएं, ई-कॉमर्स व मुक्त व्यापार समझौते, समेत अन्य मामलों में अपने रुख से वित्तमंत्री को अवगत कराया है। वैसे, बैठक में शामिल एक अनुषांगिक संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि ये समन्वय बैठक है। इसमें संगठन की क्रियाकलापों और भावी योजनाओं पर चर्चा हुई है। जो वर्ष में दो बार होती है।

बता दें कि बुधवार को ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कांफ्रेंस करके आर्थिक सुधारों को और गति देने के लिए 25,000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। रियल एस्टेट सेक्टर समेत अन्‍य सेक्‍टरों को बड़ी राहत देने का एलान करते हुए 10 हजार करोड़ के स्पेशल फंड को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा था कि स्पेशल फंड में सरकार का योगदान 10 हजार करोड़ का होगा। इसमें कई और संस्थान शामिल होंगे। इसके बाद सबका मिलाकर 25,000 करोड़ का फंड तैयार होगा। शुरुआत में इसमें एसबीआइ और एलआइसी शामिल होंगे। आगे और भी संस्थान के जुड़ने की उम्मीद है जिससे फंड की राशि बढ़ सके।

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