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Nirbhaya Case: दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग को लेकर निर्भया की मां का कोर्ट के बाहर प्रदर्शन

Nirbhaya Case निर्भया की मां ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग को लेकर निचली अदालत के बाहर प्रदर्शन किया।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 12 Feb 2020 04:33 PM (IST)Updated: Wed, 12 Feb 2020 09:24 PM (IST)
Nirbhaya Case: दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग को लेकर निर्भया की मां का कोर्ट के बाहर प्रदर्शन
Nirbhaya Case: दोषियों को जल्द फांसी देने की मांग को लेकर निर्भया की मां का कोर्ट के बाहर प्रदर्शन

नई दिल्ली प्रेट्र। निर्भया की मां ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग को लेकर निचली अदालत के बाहर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि चारों दोषियों को फांसी देने में देरी हो रही है। इनके खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया जाए। 

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इससे पहले निर्भया को दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट दारी करने की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान निर्भया की मां ने कहा कि वह बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सात साल से भटक रही हैं। दोषी फांसी से बचने के लिए नए-नए तरीके इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब उनका विश्वास डगमगा रहा है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान निर्भया की मां ने कहा कि अदालत दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करे। इस दौरान वह सुनवाई के दौरान बेहोश भी हो गईं।

निर्भया के परिजनों ने कोर्ट में दायर की याचिका

निर्भया दुष्कर्म और हत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की मांग को लेकर निर्भया के परिजनों एवं दिल्ली सरकार की तरफ से याचिका दायर की गई। निर्भया के परिजनों ने अदालत में कहा कि सभी दोषी कानून का मजाक बना रहे हैं। निर्भया के स्वजनों व दिल्ली सरकार की तरफ से आवेदन तब दाखिल किया गया जब सुप्रीम कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने के संबंध में प्राधिकारियों को निचली अदालत में संपर्क करने की अनुमति दी।

इसके साथ ही तिहाड़ जेल प्रशासन ने मंगलवार को निचली अदालत में बताया कि कानूनी उपचार के इस्तेमाल के लिए हाई कोर्ट द्वारा 5 फरवरी को स्वीकृत किए गए एक सप्ताह की समय-सीमा के दौरान दोषियों द्वारा किसी भी कानूनी उपचार का प्रयोग नहीं किया गया। निचली अदालत ने चारों दोषियों के नया डेथ वारंट जारी करने की मांग करते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन व दिल्ली सरकार द्वारा दायर आवेदन को 7 फरवरी को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने 31 जनवरी को अगले आदेश तक डेथ वारंट पर रोक लगा दी थी। निचली अदालत के इस फैसले को गृह मंत्रालय ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने 5 फरवरी को गृह मंत्रलय की याचिका को खारिज करते हुए दोषियों को कानूनी उपचार एक सप्ताह में पूरी करने का आदेश दिया था।

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