Nirbhaya Case: तिहाड़ जेल में नही है कोई जल्लाद, कैसे मिलेगी निर्भया के गुनहगारों को फांसी?
तिहाड़ जेल के अधिकारी का कहना है कि उनके पास कोई जल्लाद नहीं है। जब जरुरत पड़ती है तब अन्य राज्यों से जल्लाद बुलाए जाते हैं।
नई दिल्ली, एएनआइ/जेएनएन। निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले में मृत्युदंड की सजा पाए चारों दोषियों को कब फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा इसे लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चारों दोषी तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच तिहाड़ जेल प्रशासन का भी बयान सामने आया है। तिहाड़ जेल के अधिकारी का कहना है कि उनके पास कोई जल्लाद नहीं है। जब जरुरत पड़ती है तब अन्य राज्यों से जल्लाद बुलाए जाते हैं।
दरअसल, निर्भया की मां ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर चारों दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज कर उन्हें न्याय दिया जाए। उधर, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति जयहिंद ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दया याचिका खारिज करने की अपील की है।
बक्सर जेल के कैदी बनाएंगे निर्भया के गुनाहगारों के लिए फांसी का फंदा
गृह मंत्रालय से निर्भया के कातिलों की दया याचिका खारिज करने की राष्ट्रपति से सिफारिश के बाद सात साल पहले हुए इस जघन्य कांड में न्याय को आखिरी मुकाम तक पहुंचाने की तैयारी शुरू हो गई है। दोषी करार चारों गुनाहगारों को बक्सर जेल में बने फंदे पर लटकाया जाएगा। मनीला रस्सी के नाम से मशहूर फांसी के लिए रस्सी को तैयार करने का निर्देश बिहार के बक्सर केंद्रीय जेल को मिला है। देश में केवल बक्सर जेल में ही फांसी देने वाली खास रस्सी तैयार होती है। यहीं बनी रस्सी से कसाब और अफजल जैसे देश के दुश्मनों को फांसी पर लटकाया गया था।
विनय शर्मा के दया याचिका पर विवाद
बता दें कि 2012 में राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया कांड में मुकेश, पवन शर्मा, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजते हुए खारिज करने की अनुशंसा कर दी है। हालांकि विनय शर्मा की दया याचिका पर विवाद हो भी गया है। विनय ने अपने वकील के माध्यम से राष्ट्रपति को अर्जी भेजी है कि उसने कोई दया याचिका नहीं लगाई है। लिहाजा गृह मंत्रालय की ओर से भेजी गई दया याचिका को वापस कर दिया जाए। उधर, जेल प्रशासन ने दावा किया कि विनय की ओर से दी गई दया याचिका ही राष्ट्रपति के पास भेजी गई है।
विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को वह विनय से मिलने तिहाड़ गए थे। वहां पता चला कि उसने कोई याचिका नहीं लगाई है। इसके बाद जेल में ही उसने एक आवेदन लिखा, जिसमें दया याचिका नहीं लगाने और उसके पास सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन डालने का विकल्प मौजूद होने की बात लिखी है। अर्जी में दया याचिका पर अपना हस्ताक्षर नहीं होने का भी दावा किया है।
उधर, जेल के एआइजी राजकुमार ने बताया कि चारों दोषियों को दया याचिका भेजे जाने के बारे में नोटिस दिया गया था। इसके बाद विनय शर्मा ने दया याचिका लगाई थी, जबकि अन्य दोषियों ने कहा था कि अभी उनके पास अन्य विकल्प मौजूद हैं। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल अनिल बैजल ने विनय शर्मा की दया याचिका गृह मंत्रलय को भेज कर इसे खारिज करने की सिफारिश की थी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने भी दया याचिका राष्ट्रपति को भेजकर इसे खारिज करने की सिफारिश की है।