2012 Delhi Nirbhaya Case: इस इकलौते गवाह की बदौलत मिला निर्भया को इंसाफ
2012 Delhi Nirbhaya Case मिलिए अवनींद्र से जो इस मामले में इकलौते चश्मदीद गवाह थे जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा सुनाई
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। 2012 Delhi Nirbhaya Case: साढ़े सात साल बाद निर्भया के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह 5:30 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी लगने जा रही है। मिलिए अवनींद्र से, जो इस मामले में इकलौते चश्मदीद गवाह थे, जिनकी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा सुनाई और अब दोषियों को फांसी दी जा रही है।
हादसे के दौरान निर्भया के साथ थे अवनींद्र
मूलरूप से यूपी के गोरखपुर के रहने वाले चश्मदीद गवाह अवनींद्र 16 दिसंबर, 2012 की रात निर्भया के साथ थे, जब यह पूरी घटना हुई। गवाही में अवनींद्र ने सभी दोषियों को पहचाना था, जिन्होंने न केवल निर्भया के साथ दरिंदगी की थी, बल्कि अवनींद्र को भी बुरी तरह पीटा था।
अनींद्र की गवाही बनी फांसी का आधार
अवनींद्र की गवाही को निचली अदालत के बाद दिल्ली हाई कोर्ट और फिर अंत में सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना था और तीनों ही कोर्ट ने चारों दोषयों विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी।
सालों तक अवनींद्र रहे गुमनामी में
निर्भया के साथ हुए हादसे के बाद अवनींद्र सालों तक सदमे में रहे। शुरुआत में उन्होंने लोगों से दूरी बनाई, यहां तक कि मीडिया से भी। इसके बाद धीरे-धीरे अपने को संभाला और सामान्य होने की कोशिश की। अवनींद्र की मानें तो चार साल बाद वह सामान्य हो पाए।
बता दें कि 16 दिसंबर 2012 की रात निर्भया अपने दोस्त अवनींद्र के साथ घर लौट रही थी। दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक बस में सवार हुए। कुछ दूर चलने पर ही बस में सवार सभी छह दरिंदों (राम सिंह, एक नाबालिग, पवन, विनय, अक्षय और मुकेश) ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। इस दौरान अवनींद्र अपनी दोस्त को बचाने आए तो उनकी भी पिटाई की गई।
यह है पूरा मामला
- अवनींद्र और अपनी पैरामेडिकल छात्रा दोस्त निर्भया के साथ वसंत विहार इलाके में थे।
- घर पहुंचने के लिए एक बस में बैठ गए।
- अवनींद्र के अनुसार, बस में सवार छह लोगों ने उनके साथ लूटपाट की।
- फिर सभी छह लोग दरिंदगी पर उतर आए।
- सभी ने निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
- विरोद करने पर अवनींद्र के साथ जमकर मारपीट की गई।
- दरिंदों ने पहले अवनींद्र को बस से फेंका फिर निर्भया को
- निर्भया के साथ हुई इस दरिंदगी ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
- इंसाफ के लिए कानून में कई बड़े और अहम बदलाव किए गए।
- फास्ट ट्रैक में सुनवाई हुई, पहले निचली अदालत, फिर दिल्ली हाई कोर्ट और आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई।
- ट्रायल शुरू होने से पहले ही एक आरोपित राम सिंह ने वर्ष, 2013 में तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर जान दे दी थी।