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Nirbhaya Case: ..वो 16 दिसंबर 2012 की काली रात, जब निर्भया का दरिंदो से हुआ था सामना

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात चलती बस में पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने बर्बर सामूहिक दुष्कर्म किया और उसे बुरी तरह घायल करने के बाद बस से बाहर सड़क पर फेंक दिया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 10:51 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 10:51 PM (IST)
Nirbhaya Case: ..वो 16 दिसंबर 2012 की काली रात, जब निर्भया का दरिंदो से हुआ था सामना
Nirbhaya Case: ..वो 16 दिसंबर 2012 की काली रात, जब निर्भया का दरिंदो से हुआ था सामना

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 16 दिसंबर 2012, रविवार का दिन। शाम को साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में दोस्त के साथ 'लाइफ ऑफ पाई' मूवी देखने के बाद 23 वर्षीय फीजियोथेरेपिस्ट छात्रा (निर्भया) और उसका दोस्त ऑटो से रात 9 बजे मुनीरिका आ गए थे। यहां बस स्टैंड के पास खड़े होकर दोनों बस का इंतजार कर रहे थे। तभी 9.15 बजे आइआइटी की तरफ से सफेद रंग की लग्जरी बस इनके पास आकर रुक गई। बस में आगे के शीशे पर ऊपर व नीचे पीले रंग की पट्टी थी और साइड में यादव लिखा हुआ था।

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बस के परिचालक ने महिपालपुर, धौलाकुआं, द्वारका की आवाज लगानी शुरू कर दी थी। दोनों की नजर जब बस की तरफ पड़ी तब परिचालक ने बहन जी कहते हुए उन्हें बस में आ जाने को कहा था। इस पर दोनों बस में सवार हो गए थे। उनके बस में सवार होते ही परिचालक ने दरवाजा बंद कर दिया और चालक बस लेकर चल पड़ा। अंदर दोनों ने देखा कि बस में चालक समेत छह लोग सवार थे। किराया वसूलने के बाद एक दोषी ने पीड़िता के दोस्त से कहा था कि वह इतनी रात को लड़की को लेकर कहां जा रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा था कि उसे क्या मतलब है। इसी बात पर बहस शुरू हुई थी।

रॉड से पीड़िता के दोस्त के सिर पर वार

दोषियों ने पीड़िता से छेड़खानी शुरू कर दी। विरोध पर एक ने रॉड से पीड़िता के दोस्त के सिर पर वार कर घायल कर दिया और उसे पीछे की सीट पर ले जाकर दरिंदों ने जब उसकी अस्मत लूटनी शुरू की तब घायल होकर भी उसने अपने दोस्त को बचाने की भरपूर कोशिश की थी, लेकिन उसे युवती तक आने नहीं दिया गया। दो आरोपितों ने उसे पकड़ कर बस के अंदर नीचे गिरा कर पिटाई करते रहे। उधर, दोस्त की पिटाई देख पीड़िता भी दरिंदों को दांत काट उनके चंगुल से खुद को छुड़ाकर दोस्त के पास उसे बचाने की कोशिश की थी, लेकिन उसे दोस्त के पास नहीं जाने दिया गया। चलती बस में दोषी पीड़िता की इज्जत तार-तार करते रहे।

भीषण ठंड में 20 मिनट तक ठिठुरती रही निर्भया

इस सबके बीच बस करीब 24 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी थी। चालक मुकेश बस को लेकर महिपालपुर रोड एनएच-8 से यू-टर्न लेकर द्वारका रूट पर गया और फिर वापस महिपालपुर आ गया। इसके बाद होटल एरिया के सामने चलती बस से दोनों को गेट से नीचे फेंकने के बाद सभी मौके से फरार हो गए थे। कंपकंपाती ठंड में दोनों को निर्वस्त्र बस से नीचे फेंक देने पर युवती अर्धबेहोशी की हालत में पहुंच गई थी। भीषण ठंड में दोनों करीब 20 मिनट तक ठिठुरते रहे। तभी वहां से गुजर रहे इगिस कंपनी के पेट्रोलिंग ऑफिसर की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इगिस कंपनी नेशनल हाईवे का सिक्योरिटी देखती है।

होटल से चादर लाकर पीड़िता को दिया

थाने की पुलिस जब मौके पर पहुंची तब तक पीसीआर के पुलिसकर्मी दोनों को सफदरजंग अस्पताल पहुंचा चुके थे। पीसीआर कर्मियों ने पास के एक होटल से चादर लाकर दोनों पीड़ितों को दिया था। पीसीआर को लगा कि वह साउथ वेस्ट का इलाका है। इसलिए उन्होंने सफदरजंग अस्पताल पहुंचा दिया था। अस्पताल से साढ़े 11 बजे वसंत विहार पुलिस को सूचना मिली कि इलाका उनका लगता है। तब 11.35 बजे तत्कालीन डीसीपी छाया शर्मा पूरी टीम के साथ अस्पताल पहुंच गई। चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस की नींद उड़ गई।


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