Nirbhaya Case Latest News: डेथ वारंट के लिए याचिका दायर, कल दो बजे होगा फैसला
Nirbhaya Case दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा खारिज करने के बाद याचिका दायर करने का फैसला लिया गया।
नई दिल्ली [राकेश कुमार सिंह]। Nirbhaya Case : निर्भया के माता-पिता की ओर से दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बुधवार को डेथ वारंट जारी करने के लिए याचिका दायर की गई। दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा खारिज करने के बाद याचिका दायर की गई है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी राणा अभियोजन पक्ष की ओर से दायर एक अर्जी पर अभियुक्तों (दोषियों) को नोटिस जारी कर सकते हैं, जो दोषियों के खिलाफ नए सिरे से वारंट जारी करते हैं। ऐसी संभावना है कि कल दो बजे जारी हो सकता है डेथ वारंट।
निर्भया के माता-पिता की वकील सीमा कुशवाहा (Seema Khushwaha, Lawyer of Nirbhaya's parents) का कहना है कि हम एक नई याचिका दायर कर डेथ वांरट जारी की अपील करेंगे, जिसमें फांसी की तारीख तय होगी। इस बार डेथ वारंट की तारीख अंतिम होगी।
वहीं, संदीप गोयल (डीजी, तिहाड़ जेल) की ओर से भी बयान आया है कि दोषी पवन कुमार गुप्ता की राष्ट्रपति द्वारा दया याचिका खारिज होने के बाद कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इसमें कोर्ट से चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार) को फांसी देने के लिए डेथ वारंट जारी करने की अपील की जाएगी।
बता दें कि डेथ वारंट में निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने की मुकर्रर तिथि तीन मार्च को देखते हुए न सिर्फ तिहाड़ जेल प्रशासन बल्कि पश्चिमी जिला पुलिस, यातायात पुलिस, पश्चिमी जिला राजस्व विभाग व दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल के चिकित्सक पूरी तरह से तैयार थे। हालांकि शाम को जैसे ही यह पता चला कि दोषियों की फांसी टल चुकी है तब तैयारियों को रोक दिया गया था।
यहां पर बता दें कि धीरे-धीरे चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने का रास्ता साफ होने लगा है। अब सिर्फ पवन के पास ही राष्ट्रपति द्वारा खारिज दया याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ही विकल्प बचा हुआ है, बाकी तीनों भी अपना यह विकल्प खो चुके हैं।
दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा मुकदमा है बड़ी अड़चन
बता दें कि निर्भया के दोषियों पर राम आधार नाम के शख्स के साथ लूटपाट का मुकदमा भी दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है। इस मामले में निचली अदालत चारों दोषियों को सजा भी सुना चुकी है, फिलहाल इसका ट्रायल दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में यह मामला बड़ी अड़चन साबित हो सकता है।