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2012 Delhi Nirbhaya Case: जेल में बंद चारों दोषियों की बढ़ी घबराहट

2012 Delhi Nirbhaya Case तिहाड़ जेल में बंद पवन हो या विनय या फिर मुकेश अथवा अक्षय सभी नई परिस्थितियों से घबराए हुए हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 10:43 AM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 08:33 PM (IST)
2012 Delhi Nirbhaya Case: जेल में बंद चारों दोषियों की बढ़ी घबराहट
2012 Delhi Nirbhaya Case: जेल में बंद चारों दोषियों की बढ़ी घबराहट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 2012 Delhi Nirbhaya Case : तिहाड़ जेल में बंद निर्भया के चारों दोषियों (विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह) की हालत एक बार फिर खराब होने लगी है। चारों के चेहरे पर एक बार फिर चिंता की लकीरी दिखाई देने लगी हैं। बता दें कि बृहस्पतिवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों की फांसी के लिए डेथ वारंट जारी कर दिया है, इसके मुताबिक, आगामी 20 मार्च को सुबह 5:30 बजे तिहाड़ जेल संख्या-3 में फांसी दी जाएगी।  

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बताया जा रहा है कि इससे पहले दो मार्च को फांसी टलने की जानकारी जब दोषियों को मिली तो उन्होंने चैन की सांस ली थी। उन्हें लगा था कि अब कुछ दिनों के लिए मामला टल गया है, लेकिन बुधवार दोपहर बाद से जब से दोषियों को पता चला कि पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। ऐसे में तिहाड़ जेल प्रशासन एक बार फिर डेथ वारंट के लिए कोर्ट का रुख करने वाला है तो उनके माथे पर चिंता की लकीरें उभरनी शुरू हो गईं थी, लेकिन चौथा डेथ वारंट जारी होने के बाद चारों की हालत खराब है। जानकारी लगने के बाद से चारों गुमसुम हैं। पवन हो या विनय या फिर मुकेश अथवा अक्षय सभी नई परिस्थितियों से घबराए हुए हैं। उनकी घबराहट को देखते हुए जेल अधिकारी समय समय पर उनसे बात कर उन्हें सामान्य करने में जुटे रहते हैं।

सभी दोषियों में घबराहट, जेल अफसर कर रहे बात

तिहाड़ जेल प्रशासन निर्भया के दोषी पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज किए जाने की जानकारी से अवगत कराएगा। बृहस्पतिवार को डाक से पत्र भेजकर पवन के स्वजनों को इसकी जानकारी दी जाएगी। जेल प्रशासन का कहना है कि यह एक औपचारिक प्रक्रिया है। पवन की दया याचिका को राष्ट्रपति द्वारा खारिज करने के साथ ही अब निर्भया के चारों दोषियों के पास अब राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका का विकल्प समाप्त हो चुका है।

एनएचआरसी के हस्तक्षेप की मांग वाली याचिका खारिज

चारों दोषियों की मानसिक व शारीरिक स्थिति की जांच के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को हस्तक्षेप करने का निर्देश देने की मांग से जुड़ी जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनवाई से इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायमूर्ति डीएन पटेल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है।


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