फांसी के लिए पवन जल्लाद की तैयारी पूरी, पल-पल दोषियों पर रखी जा रही निगाह
सुबह करीब नौ बजे से ही जेल संख्या तीन में जल्लाद द्वारा फांसी का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के तहत पहले दोषियों के वजन के डेढ़ गुना वजन के पुतले पर ट्रायल किया गया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। तिहाड़ जेल संख्या तीन में निर्भया के चारों दोषियों को डेथ वारंट में तय तिथि के अनुसार कल यानि तीन मार्च को फांसी पर लटकाया जाना है। जेल प्रशासन की ओर से इस बावत पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। सुबह करीब नौ बजे से ही जेल संख्या तीन में जल्लाद द्वारा फांसी का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के तहत पहले दोषियों के वजन के डेढ़ गुना वजन के पुतले पर ट्रायल किया। इसके बाद दोषियों के वजन के बराबर वजन के पुतले पर भी ट्रायल किया गया। समाचार लिखे जाने तक यह ट्रायल चल ही रहा था। सूत्रों की मानें तो खुद जेल महानिदेशक संदीप गोयल ट्रायल का जायजा लेने दोपहर जेल संख्या तीन पहुंचे।
पल-पल रखी जा रही निगाह
सूत्रों की मानें तो वे दोषियों के सेल में जाकर वहां की स्थिति की पूरी जानकारी ली। चिकित्सकों व मनोचिकित्सकों से उन्होंने दोषियों के बारे में पूरा पता किया। सूत्रों का कहना है कि चारों दोषी शारीरिक व मानसिक तौर पर पूरी तरह स्वस्थ हैं। बता दें कि निर्भया के चारों दोषियों को तीन मार्च को फांसी होना लगभग तय हो चुका है। ऐसे में यह देखना लाजिमी है कि कहीं इस बार फिर निर्भया के गुनहगार फिर से कानूनी दांव पेंच में फंसा कर फांसी के फंदे से कुछ वक्त की मोहलत पा लेंगे या फिर उन्हें फांसी मिलेगी। हालांकि इधर तिहाड़ जेल में फांसी की प्रकिया का ट्रायल शुरू हो चुका है।
रविवार को पहुंचा जल्लाद पवन
निर्भया के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए जल्लाद पवन रविवार को दिल्ली के तिहाड़ जेल पहुंच गया। यहां आते ही उसने सबसे पहले फांसी घर का मुआयना किया। यहां करीब आंधे घंटे तक वह करीब आधे घंटे फांसी घर में रहा। वहां प्लेटफार्म पर चढ़ा और लीवर दबाकर इस बात की तसल्ली करनी चाही कि कहीं इसमें जंग तो नहीं लगा है। उसने पहले से तैयार डमी भी देखी।
क्या है मामला
दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक पैरामेडिकल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इस दौरान छात्रा की हालत काफी खराब हो गई जिसके बाद पूरे देश में इस बात को लेकर प्रदर्शन भी हुआ था। सरकार ने लोगों के गुस्से को देखते हुए छात्रा को बेहतर इलाज के लिए बाहर भेज दिया था। हालांकि उसकी जान नहीं बचाई जा सकी और उसकी मौत हो गई। इस मामले में दिल्ली की निचली अदालत ने चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी की सजा सुनाई गई है।