एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे नौ लाख रुपये, पुलिस ने मोबाइल से खोला राज
संदेहजनक गतिविधि नजर आते ही सुरक्षाकर्मियों ने इसकी निगरानी करनी शुरू कर दी। अंत में इसे फोयर कोर्ट के पास पकड़ा गया और पूछताछ की गई। सुरक्षाकर्मियों ने इससे जितने सवाल किए उनमें से एक का भी यह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इसके बाद जुर्म कबूल किया।
नई दिल्ली, गौतम मिश्रा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के कर्मियों की नजर एक ऐसे व्यक्ति पर पड़ी जिसकी गतिविधि संदेहजनक नजर आ रही थी। बल के कर्मियों ने उस व्यक्ति से जब पूछताछ की और तलाशी ली तो पता चला कि यह एक व्यक्ति से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये ऐंठ चुका है। आरोपित की पहचान आकाश बाबू के रूप में हुई।
गतिविधि पर संदेह होने पर की गयी पूछताछ में हुआ खुलासा
मामला 31 जुलाई का है। संदेहजनक गतिविधि नजर आते ही सुरक्षाकर्मियों ने इसकी निगरानी करनी शुरू कर दी। अंत में इसे फोयर कोर्ट के पास पकड़ा गया और पूछताछ की गई। सुरक्षाकर्मियों ने इससे जितने सवाल किए, उनमें से एक का भी यह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सका। इस दौरान आरोपित ने दो पहचान पत्र दिखाए। दोनों पहचान पत्र अलग अलग एजेंसियों की ओर से जारी किए गए थे, जो जाली नजर आ रहे थे।
तहकीकात में जाली मिला पहचान पत्र
एक पहचान पत्र नागरिक विमानन मंत्रालय तो विमानपत्तन प्राधिकरण का था। दोनों पहचान पत्र तहकीकात में नकली पाए गए। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने इसके मोबाइल की काल डिटेल खंगाली। इस दौरान वाजिद नामक एक व्यक्ति से सुरक्षाकर्मी का संपर्क हुआ। उन्होंने बताया कि आकाश बाबू ने उससे नौ लाख रुपये एयरपोर्ट पर नौकरी दिलाने के नाम पर लिए हैं। जब यह बात आकाश को बताई गई तो उसने स्वीकार किया कि वह झूठ बोल रहा था। अब पुलिस इस मामले की तहकीकात में जुटी है, कि आरोपित ने अभी तक कितने लोगों को ठगा है।