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निलेर्ड ने समय पूर्व किया सेवानिवृत्त, नीति आयोग के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे निदेशक

सेवानिवृत्त करने के दस दिसंबर 2019 के फैसले को मनमाना व अवैध बताते हुए 57 वर्षीय भूप सिंह ने इसे रद करने का निर्देश देने की मांग की है। कोर्ट ने विभाग से चार सप्‍ताह में निर्णय लेने को कहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 04:04 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 04:04 PM (IST)
निलेर्ड ने समय पूर्व किया सेवानिवृत्त, नीति आयोग के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे निदेशक
समय से पहले सेवानिवृत्त होने के मामले में नीति आयोग के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचा मामला। -फाइल फोटो

नई दिल्ली, विनीत त्रिपाठी। नीति आयोग के अंतर्गत आने वाले स्वायत्त राष्ट्रीय श्रम, अर्थशास्त्र, अनुसंधान और विकास संस्थान (निलेर्ड) के सहायक निदेशक भूप सिंह ने समय पूर्व सेवानिवृत्त करने के निलेर्ड के फैसले को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सेवानिवृत्त करने के दस दिसंबर, 2019 के फैसले को मनमाना व अवैध बताते हुए 57 वर्षीय भूप सिंह ने इसे रद करने का निर्देश देने की मांग की है।

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न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका पर नीति आयोग को निर्देश दिया कि भूप सिंह द्वारा पूर्व में दिए गए प्रतिवेदनों पर चार सप्ताह के अंदर निर्णय लें। साथ ही फैसला लेने के एक सप्ताह के अंदर इसकी जानकारी उन्हें दें। अदालत ने स्पष्ट किया कि फैसले से असंतुष्ट होने पर भूप सिंह आगे कानूनी राहत लेने के लिए स्वतंत्र होंगे।

उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाह कुंज काॅलोनी निवासी भूप सिंह ने अधिवक्ता सौरभ आहूजा के माध्यम से याचिका दायर की है।

याचिका के अनुसार फरवरी 2005 में शोध अधिकारी के तौर पर निलेर्ड में उनकी नियुक्ति हुई थी और मार्च 2009 में उन्हें सहायक निदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था। भूप सिंह की तरफ से सौरभ आहूजा ने दलील दी कि नौकरी के दौरान पूरे कार्यकाल में याची पर न तो कभी कोई छोटा या बड़ा जुर्माना लगाया गया और न ही उनके काम को लेकर कारण बताओ नोटिस या मेमो ही जारी हुआ। इसके उलट रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा हमेशा उन्हें बहुत अच्छा जैसा रिमार्क मिला है। इसके बावजूद दस दिसंबर 2019 को भूप सिंह को समय पूर्व सेवानिवृत्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।

आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए याची ने दिसंबर 2019, मार्च 2020 एवं अगस्त 2020 में पक्षकारों के समक्ष प्रतिवेदन दिया, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। भूप सिंह ने मामले में नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, निलेर्ड के महानिदेशक, निलेर्ड रिव्यू कमेटी, निलेर्ड कार्यकारी परिषद चेयरमैन को पक्षकार बनाया है। साैरभ आहूजा ने कहा कि याची के खिलाफ जारी किया गया दिसंबर 2019 का मनमाना और अवैध आदेश रद करने का निर्देश दिया जाए।

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