गाजीपुर लैंडफिल साइट से निकाली गई मिट्टी का इस्तेमाल करेगा एनएचएआइ
गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जमा कचरे के निस्तारण से निकलने वाली मिट्टी का इस्तेमाल अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से किया जाएगा।
नई दिल्ली (सुधीर कुमार)। गाजीपुर लैंडफिल साइट पर जमा कचरे के निस्तारण से निकलने वाली मिट्टी का इस्तेमाल अब नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) की ओर से किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्वी निगम के पार्कों में भी इसका उपयोग होगा। यह बात पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति के चेयरमेन संदीप कपूर ने जागरण से विशेष बातचीत में बताई।
उन्होंने कहा कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को खत्म करने के लिए पूर्वी निगम पूरी शिद्दत से जुटा हुआ है। इसी क्रम में यहां पड़े पुराने कचरे को अलग-अलग हिस्सों में करने के लिए ट्रमल कम बैलेस्टिक मशीन लगाई गई है। अभी लगी यहां एक मशीन से रोजाना 640 मीटिक टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा है। इस मशीन के माध्यम से कचरे को चार हिस्सों में बांटा जा रहा है।
छांटने के क्रम में करीब 80 फीसद हिस्सा मिट्टी के रूप में निकल रहा है। पिछले कई माह से यह काम हो रहा है लेकिन अभी तक मिट्टी का बड़े पैमाने पर उपयोग का रास्ता साफ नहीं हुआ है। इस कारण पूर्वी निगम ने एनएचएआइ से बात की है। एनएचएआइ यहां से पांच हजार मीटिक टन मिट्टी लेने के लिए तैयार हो गया है, जिसका उपयोग भराव के रूप में किया। अगर यह प्रयोग सफल हो जाता है तो एनएचएआइ की ओर से और मिट्टी का इस्तेमाल किया जाएगा।
कपूर ने बताया कि इसके अलावा यहां से निकलने वाली मिट्टी का उपयोग निगम के पार्कों में भी किया जाएगा क्योंकि यहां के मिट्टी की जांच करवाई गई है जो जांच में सही पाई गई है। यह मिट्टी उर्वरा से संपन्न है। जिससे इसका इस्तेमाल निगम के पार्कों में किया जा सकता है। पूर्वी निगम में करीब 2000 पार्क हैं, जिसमें भराव के लिए मिट्टी की जरूरत पड़ती रहती है। इस मिट्टी को निगम खरीदता है।