दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने भी कहा- ओके
समिति ने इस परियोजना को सशर्त मंजूरी दी है, जिसमें पुल निर्माण के दौरान निगरानी की लागत में 2.5 फीसद की वृद्धि शामिल है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। नेशनल ग्रीन टिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का रास्ता साफ करते हुए यमुना नदी पर पुल बनाने तथा इसके साथ एक सड़क बनाने को मंजूरी दे दी है। एनजीटी का कहना है कि इस परियोजना से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं बल्कि फायदा होगा।
एनजीटी ने अपनी प्रिंसिपल कमेटी की सिफारिशों के आधार पर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का रास्ता साफ किया है। एनजीटी ने यमुना को निर्मल बनाने के लिए इस समिति का गठन किया था।
समिति ने इस परियोजना को सशर्त मंजूरी दी है जिसमें पुल निर्माण के दौरान निगरानी की लागत में 2.5 फीसद की वृद्धि शामिल है। समिति ने यह भी कहा है कि यमुना पर पुल बनने के बाद इसके किनारे पर लोहे की जाली भी लगाई जाए ताकि लोग यमुना में कचरा न फेंक सकें।
जस्टिस यूडी सल्वी की अध्यक्षता वाली एनजीटी की पीठ ने कहा कि प्रधान समिति की सिफारिशों में कहा गया है कि इस परियोजना से पर्यावरण को नुकसान नहीं होगा, इसलिए पीठ को इसे मंजूरी देने में कोई रुकावट नजर नहीं आती। इसलिए पीठ संबंधित कंसेसशनरी, कांट्रैक्टर और अन्य अधिकारियों को मौजूदा निजामुद्दीन पुल, रिंगरोड को प्रस्तावित परियोजना के संदर्भ बढ़ाने की अनुमति देती है।
हालांकि प्रधान समिति ने जो शर्तें लगाई हैं उनका पालन करना बेहद जरूरी होगा। पीठ ने यह आदेश भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की याचिका पर दिया, जिसमें उसने यमुना पर एक पुल तथा साथ में सड़क बनाने के लिए अनुमति मांगी थी।
सुनवाई के दौरान के एनएचएआइ वकील ने पीठ को आश्वस्त किया कि निर्माण के दौरान एनएचएआइ पर्यावरण प्रबंधन योजना की निगरानी के लिए आइआइटी दिल्ली या रुड़की को जिम्मेदारी सौंपेगा।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रलय के सचिव की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रधान समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि इस परियोजना के तहत निर्माण करते समय इस बात ध्यान रखा जाए कि अधिक से अधिक पेड़ बचाए जाएं तथा बाढ़ क्षेत्र में किसी तरह का नुकसान न पहुंचाया जाए।
समिति में पर्यावरण मंत्रलय के विशेष सचिव, जल संसाधन मंत्रलय के संयुक्त सचिव, दिल्ली के मुख्य सचिव, डीडीए, जल बोर्ड और नगर निगम के प्रतिनिधि शामिल हैं। साथ ही इसमें प्रोफेसर सीआर बाबू, एके गोसेन, ब्रिज गोपाल और आइआइटी रुड़की के एए काजमी भी बतौर सदस्य शामिल हैं।