1984 anti Sikh riots: जमानत याचिका पर SC ने फैसला रखा सुरक्षित, अगली सुनवाई 25 मार्च को
दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सिख विरोधी दंगे (1984 anti Sikh riots) में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। 1984 anti Sikh riots: 1984 सिख दंगा मामले के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की जमानत याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। फिलहाल सुनवाई के बाद जमानत पर कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और अब 25 मार्च को इस मामले की सुनवाई करेगी।
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सिख विरोधी दंगे (1984 anti Sikh riots) में उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के खिलाफ कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार की अपील पर सीबीआइ को नोटिस जारी किया था। कांग्रेस के पूर्व नेता ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के खिलाफ अपील दायर की है।
73 वर्षीय पूर्व कांग्रेस नेता ने सुनाई गई उम्रकैद की सजा भुगतने के लिए 31 दिसंबर 2018 को निचली अदालत में समर्पण किया था इसके बाद सज्जन कुमार को मंडोली जेल भेज दिया था।
गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 17 दिसंबर को सुनाए गए फैसले में स्वाभाविक जीवन के शेष हिस्से के लिए जेल की सजा सुनाई थी। मामले में सज्जन कुमार को दक्षिण पश्चिम दिल्ली में 1-2 नवंबर 1984 को दिल्ली छावनी के राजनगर पार्ट-1 में पांच सिखों के मारे जाने व गुरुद्वारा जलाए जाने के मामले में दोषी ठहराया गया है। 31 अक्टूबर 1984 को दो सिख अंगरक्षकों ने द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या होने के बाद दंगे भड़क उठे थे।
बता दें कि सीबीआइ ने 20 दिसंबर को ही सुप्रीम कोर्ट मे कैविएट दाखिल कर दी थी, ताकि कोर्ट सज्जन कुमार को एकतरफा सुनवाई में कोई राहत न दे दे। कोर्ट कोई भी आदेश देने से पहले सीबीआइ का भी पक्ष सुने।
1984 सिख विरोधी दंगा मामला
यहां पर बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक मामले में गत 17 दिसंबर को कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिल्ली के दिग्गज नेता सज्जन कुमार को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हाई कोर्ट ने सज्जन कुमार को जीवित रहने तक कैद में रहने की सजा दी है।
दरअसल, सज्जन कुमार को दिल्ली कैंटोनमेंट के राज नगर इलाके में नवंबर 1984 को पांच सिखों की हत्या और एक गुरुद्वारे में आग लगाए जाने के मामले में दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।