विरोधियों पर बरसे कांग्रेस के नए अध्यक्ष अनिल, कहा- अफवाहें भी दिल्लीवासियों को डरा देती हैं
अनिल चौधरी ने कहा कि पिछले छह साल से दिल्लीवासी स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अफवाहें भी दिल्लीवासियों को डरा देती हैं।
नई दिल्ली (संजीव गुप्ता)। कांग्रेस ने अपने पूर्व विधायक अनिल चौधरी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। पटपडग़ंज से विधायक रहने के साथ-साथ वह दो बार पार्षद और दिल्ली युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। मालूम हो कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में हुई पार्टी की करारी हार के बाद तत्कालीन अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। तभी से पार्टी की दिल्ली इकाई नेतृत्वविहीन चल रही थी।
संगठन को मजबूत करना प्राथमिकता : चौधरी
नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने अपनी नियुक्त के लिए पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी और राहुल गांधी का आभार जताते हुए दिल्ली कांग्रेस को मजबूत एवं पुनगर्ठित करना अपनी प्राथमिकता बताया है। उन्होंने कहा कि वह सभी वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में काम करेंगे और जो युवा उनके साथ काम करना चाहेंगे, उन्हें भी यथोचित स्थान दिया जाएगा। उन्होंने पार्टी की हार को स्वीकार कर यह इसी को चुनौती को बताया कि दिल्ली में पार्टी को दोबारा खड़ा किया जाएगा। चौधरी ने कहा कि पिछले छह साल से दिल्लीवासी स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अफवाहें भी दिल्ली वासियों को डरा देती हैं। कांग्रेस इस माहौल को खत्म कर एक बार फिर दिल्ली को खुशहाल बनाने के लिए यथासंभव प्रयास करेगी।
इन्हें भी मिली जिम्मेवारी
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से बुधवार शाम जारी एक बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चौधरी को प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त करने के साथ ही पांच उपाध्यक्ष भी नियुक्त किए गए हैं। उपाध्यक्ष बनाए गए अभिषेक दत्त मौजूदा समय में पार्षद हैं और विधानसभा चुनाव में वह कस्तूरबा नगर से चुनाव लड़े थे। पूर्व विधायक जयकिशन को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल, पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली हसन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा की बेटी शिवानी चोपड़ा को भी उपाध्यक्ष बनाया गया है।
आम आदमी पार्टी की तीसरी बार बनी सरकार
गौरतलब है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में लगातार तीसरी बार सरकार बनाते हुए 62 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, भाजपा के हिस्से में आठ सीटें आई हैं जबकि कांग्रेस पहले की तरह एक बार फिर खाता तक नहीं खोल सकी।