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Delhi News: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के डुअल डिग्री प्रोग्राम में नई शिक्षा नीति लागू

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। डुअल डिग्री प्रोग्राम में भी नई शिक्षा नीति लागू की गई है। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि स्कूल आफ इंजीनियरिंग में डुअल प्रोग्राम की सुविधा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 05:27 PM (IST)
Delhi News: जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के डुअल डिग्री प्रोग्राम में नई शिक्षा नीति लागू
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के डुअल डिग्री प्रोग्राम में नई शिक्षा नीति लागू।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति लागू करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। डुअल डिग्री प्रोग्राम में भी नई शिक्षा नीति लागू की गई है। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि स्कूल आफ इंजीनियरिंग में डुअल प्रोग्राम की सुविधा है।

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छात्रों का बचता है समय

डुअल प्रोग्राम में छात्र चार वर्ष तक बीटेक और एक वर्ष एमटेक या एमएस करता था। इससे छात्रों का काफी समय बचता था। अब छात्रों को प्रोग्राम से बाहर निकलने का विकल्प दिया जाएगा। 2018-19 के बाद से दाखिला लेने वाले छात्र इस सहूलियत का लाभ उठा सकते हैं। बहुत जल्द जेएनयू इस बाबत एक विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी करेगा। विभाग पदाधिकारियों ने बताया कि हाल ही में अकादमिक परिषद की बैठक हुई थी। इसमें इंजीनियरिंग विभाग में नई शिक्षा नीति लागू करने पर विस्तार से चर्चा हुई थी।

थीसिस जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ी

जेएनयू ने एमफिल, पीएचडी के छात्रों को थीसिस जमा करने की अंतिम तारीख बढ़ा दी है। पहले 30 जून अंतिम तारीख थी। जेएनयू प्रशासन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते छात्रों को नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त करने में दिक्कत हो रही है, इसलिए अंतिम तिथि 11 जुलाई तय की गई है।


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