दो साल बाद सुलझी दिल्ली के सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री, यूपी से जुड़ा लिंक
यूपी पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि लड़की के परिवार के अन्य सदस्य भी गायब हैं। ऐसे में शक में पुलिस अधिकारियों ने इसे झूठी शान के लिए हत्या का मामला मान लिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दो वर्ष पहले मोनेस्ट्री के कपड़ा कारोबारी वेद प्रकाश सहित उनके परिवार के चार सदस्यों की हत्या की गुत्थी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सुलझा ली है। रुपये के मामूली लेने-देन को लेकर परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर आरोपितों ने शव को उत्तर प्रदेश के हापुड़ के समीप नहर में फेंक दिया था। बाद में स्थानीय पुलिस ने कारोबारी की बेटी और स्कूल टीचर नैना का शव कार सहित बरामद किया था।
उत्तर प्रदेश पुलिस जल्दबाजी में इसे झूठी शान के लिए हत्या का मामला मान रही थी। वहीं आरोपित मानकर नैना के पिता वेदप्रकाश, मां साधना और भाई शुभम की तलाश कर रही थी। इसी बीच क्राइम ब्राच ने इस सनसनीखेज मर्डर मिस्ट्री से पर्दा उठाते हुए हत्या के मुख्य आरोपित वजीराबाद निवासी अभिषेक पाल उर्फ मिंटू को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से एक कट्टा और दो कारतूस बरामद किए गए हैं।
हत्या में शामिल एक आरोपित की सड़क दुर्घटना में पहले ही मौत हो चुकी है। अपराध शाखा के एडिशनल पुलिस कमिश्नर डॉ. अजीत कुमार सिंघला ने बताया कि जुलाई 2016 में रुपये की लेने-देन में एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या कर दी गई थी। बेटी नैना का शव हापुड़ के समीप स्थिति एक नहर से बरामद किया गया था। उनकी सैंट्रो कार भी वहीं मौजूद थी।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि लड़की के परिवार के अन्य सदस्य भी गायब हैं। घटना के बाद परिजनों के फरार होने के शक में पुलिस अधिकारियों ने इसे झूठी शान के लिए हत्या का मामला मान लिया था। इसी बीच क्राइम ब्रांच को पता चला कि चौहरे हत्याकांड का मुख्य आरोपित अभिषेक पाल है। इसके बाद एसीपी आदित्य गौतम की टीम ने अभिषेक को हथियार के साथ बाहरी ¨रग रोड के समीप से गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसकी गिरफ्तारी से उत्तर पुलिस ने नैना मर्डर मिस्ट्री को लेकर जो कहानी बनाई थी उससे स्थानीय पुलिस की जाच पर सवाल खड़े हो गए हैं।
कारोबार और प्रापर्टी में हिस्सा के लिए की गई थी हत्या क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि परिवार के मुखिया वेदप्रकाश का मजनू का टीला स्थित मोनेस्ट्री में कपड़े की दुकान थी। उनकी दुकान पर अभिषेक का दोस्त रितेश कटियार काम करता था।
कुछ समय बाद वेदप्रकाश ने अपना कारोबार बदलकर अपनी दुकान रितेश को दे दी थी, लेकिन वह ठीक से दुकान नहीं चल सका और आर्थिक तंगी में घिर गया। इससे उबरने के लिए उसने वेदप्रकाश से काफी कर्ज लिया। गारंटर उसका दोस्त अभिषेक था, लेकिन कर्ज चुकाने का समय आने पर उसने हाथ खड़े कर दिए। पैसा वापस पाने के लिए वेदप्रकाश ने दोनों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इससे परेशान अभिषेक ने यह बात वेदप्रकाश के भतीजे और अपने दोस्त सोनू को बताई। सोनू चाचा से रंजिश रखता था। अच्छा मौका देख उसने अभिषेक को चाचा के पूरे परिवार को ठिकाने लगाने को कहा।
सोनू ने अभिषेक को कारोबार और उनकी संपत्ति में हिस्सा देने का झांसा भी दिया। बहाने से कार में बुलाकर घोटा गया था गला संपत्ति के लालच में अभिषेक ने वेदप्रकाश के परिवार की हत्या की साजिश रची और इलाके बदमाश मनोज उर्फ मन्नू को साथ ले लिया। उन्होंने 15 जुलाई 2016 को वेदप्रकाश को बहाने से कार में बुलाकर कार के क्लच वायर से गला घोट उनकी हत्या कर दी।
बेटे शुभम ने वेदप्रकाश को अभिषेक के साथ जाते देख लिया था। लिहाजा बदमाशों ने शुभम का भी गला घोट दिया। इसके बाद उन्होंने मा साधना और उनकी बेटी नैना की भी गला घोंटकर हत्या कर दी। शवों को एक दिन स्थानीय खाली निजी स्कूल की बिल्डिंग में रखने के बाद दूसरी रात हापुड़ स्थित नहर में फेंक दिया था। अगले दिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने नैना का शव व उनकी सैंट्रो कार बरामद की थी। परिवार के अन्य लोगों के शव बरामद नहीं हुए हैं।