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पिता की हत्या के बाद शव के 50 टुकड़े करने के मामले में पढ़िए यह नया खुलासा

अमन की मानें तो उसका पिता शराब पीकर उसकी मां के साथ मारपीट और गाली-गलौच करता था। मां ने कई बार पिता को खाना देने की कोशिश की लेकिन गुस्से में वह खाना नहीं खाते थे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 02:06 PM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 02:07 PM (IST)
पिता की हत्या के बाद शव के 50 टुकड़े करने के मामले में पढ़िए यह नया खुलासा
पिता की हत्या के बाद शव के 50 टुकड़े करने के मामले में पढ़िए यह नया खुलासा

नई दिल्ली, जेएनएन। पूर्वी दिल्ली के शाहदरा इलाके में बेटे अमन द्वारा पिता संदेश अग्रवाल की हत्या के बाद शव के 50 टुकड़े कर देने के मामले में सिर्फ संपत्ति विवाद ही एक मात्र कारण नहीं था, बल्कि इस हत्या में कुछ और राज सामने आए हैं। जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, बुराड़ी में कैफे चलाने वाला अमन अपने पिता संदेश अग्रवाल पर भोलानाथ नगर की एक संपत्ति उसके नाम करने का दबाव बना रहा था, जबकि पिता संदेश अमन को किसी हाल में यह संपत्ति नहीं देना चाहते थे। एक नया खुलासा यह भी हुआ है कि पिता संदेश अग्रवाल अपनी पत्नी के चरित्र पर लगातार शक करते थे। वहीं, बेटे अमन का कहना है कि उसे बार-बार पिता बेइज्जत करते थे। 

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उसने बताया कि उसका पिता शराब पीकर उसकी मां के साथ मारपीट और गाली-गलौच करता था। मां ने कई बार पिता को खाना देने की कोशिश की, लेकिन गुस्से में वह खाना नहीं खाते थे। वह मां और बहन को अपने कपड़े भी नहीं धोने देते थे। पुलिस ने मंगलवार रात को ही संदेश की पत्नी को फोन कर सूचना दी कि बेटे ने पिता की हत्या कर दी है।

पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) मेघना यादव की मानें तो सोमवार यानी 20 मई की रात को पिता संदेश अग्रवाल की उनके बेटे अमन के बीच बहस हो गई थी, जिसके बाद आरोप है कि अमन ने पिता का गला दबाया और कई बार चाकू से हमला किया जिसमें उनकी मौत हो गई। इसके बाद आरोपी ने शव के 50 टुकड़े भी किए, ताकि उन्हें बैग में भरकर ठिकाने लगाया जा सके। अमन ने ऐसा किया भी, लेकिन जैसे ही शव ठिकाने लगाने की कोशिश की वह साथी के साथ पकड़ गया।

जानकारी के मुताबिक, आरोपित अमन ने शाहदरा में फर्श बाजार में अपने घर में अग्रवाल का शव रखा और इसे बाद में ठिकाने लगाने की योजना बनाई। इसके लिए उसने 22 साल के अपने दोस्त आयुष की मदद ली और उन दोनों ने मिलकर शव के 50 टुकड़े करके स्थानीय चिकन शॉप से खरीदी काली पालीथीन में डाले। डीसीपी मेघना के मुताबिक, मृतक संदेश अग्रवाल के भाई राकेश की शिकायत के आधार पर मंगलवार रात तलाश अभियान शुरू किया गया और घर से शव के टुकड़े बरामद किए गए।

पुलिस आयुक्त कार्यालय से महज 300 मीटर पर हुई हत्या

बताया जा रहा है कि यह घटना पुलिस उपायुक्त के कार्यालय से करीब 300 मीटर की दूरी पर हुई। मेघना यादव ने बताया कि घटना के समय अमन का भाई, बहन और मां मनाली गए हुए थे। सोमवार को दिन में संदेश की पत्नी कंचन, बेटी साक्षी और बेटा आयुष अपने मामा-मामी के साथ घूमने मनाली चले गए। घर में अमन व संदेश ही रह गए। रात के समय अमन का आईपी एक्सटेंशन निवासी दोस्त आयुष भी उसके घर पर मौजूद था। देर रात करीब 11 बजे अमन का अपने पिता से किसी बात पर झगड़ा हो गया।

जान गंवाने वाला संदेश पत्नी के चरित्र पर करता था शक

आरोप है कि संदेश को शराब पीने की लत थी। इसके अलावा वह अपनी पत्नी के चरित्र पर भी शक करता था। इसको लेकर उसके पत्नी व बच्चों से झगड़े होते थे। संदेश अपने ही घर में एक अलग कमरे में रहता था।  संदेश का उसके पत्नी और बच्चों से झगड़े की कहानी सभी रिश्तेदारों को पता थी। संदेश के दो छोटे भाई राकेश और आदेश घर के पास ही रहते हैं। हमेशा संदेश अपनी दुकान खोलकर वहां बैठता था। 

बेटे को कोई पछतावा नहीं

अमन को अपनी इस करतूत पर कोई पछतावा नहीं है। उसने पुलिस से कहा, उसने जो किया, उस पर कोई दुख नहीं है। वह पिता के शव के टुकड़ों को अलग-अलग कूड़े के ढेर पर डालने वाला था, ताकि एक जगह पर टुकड़े मिलने से शव की पहचान न हो जाए।

पिता से नफरत करता था पिता

उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या एक साजिश के तहत की गई है। वारदात वाले दिन योजना के तहत उनकी भाभी, भतीजा व भतीजी घूमने के लिए मनाली चले गए, ताकि उनपर कोई शक न कर सके। पुलिस को उन्हें भी गिरफ्तार कर पूछताछ करनी चाहिए।संदेश के भाई की मानें तो अमन अपने पिता से नफरत करता था।

परिवार में होता था हमेशा झगड़ा

बेटे अमन के हाथों जान गंवाने वाले संदेश अग्रवाल के छोटे भाई राकेश ने बताया कि उनके भाई के परिवार में हमेशा झगड़ा होता था। घर में साथ रहने के बावजूद वह परिवार वालों के लिए अंजान थे। कुछ वर्ष पहले उनके भाई अपने परिवार से पूरी तरह अलग हो गए थे, लेकिन घर में साथ रहते थे।

संदेश अलग रहते थे परिवार से, होटल में खाते थे खाना

भाई की मानें तो संदेश तीनों वक्त का खाना भाइयों के घर या होटल में खाते थे। उन्होंने बताया कि अमन अपना कैफे बड़ा करना चाहता था, इसके लिए वह पिता से उनकी दुकान मांग रहा था, लेकिन इसके लिए उसके पिता तैयार नहीं थे। इस कारण संदेश का पूरा परिवार उनके खिलाफ था। उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पहले संपत्ति का मामला कोर्ट पहुंच गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि संदेश की आधी संपत्ति पर परिवार का हक है और आधी संपत्ति पर संदेश का, लेकिन उनका परिवार पूरी संपत्ति हड़पना चाहता था। उन्होंने कहा अगर संदेश अपनी दुकान परिवार को दे देते तो वह अपना जीवन गुजर बसर कैसे कर पाते। दुकान हासिल करने के लिए अमन ने पिता की हत्या की।

रातभर अकेले बैठकर शव के किए टुकड़े

अमन को पिता से इतनी नफरत थी कि उसने हत्या करने के बाद रात भर बैठकर पिता के शव के छोटे-छोटे टुकड़े किए। तड़के उन टुकड़ों को पैक कर बैगों में भरा। उसने जहां वारदात को अंजाम दिया, उस मंजिल के ठीक नीचे रहने वाले किरायेदारों को घटना की भनक तक नहीं लगी। पुलिस पूछताछ में किरायेदारों ने बताया कि उन्हें कोई आवाज सुनाई नहीं दी। हालांकि उन्होंने पुलिस को बताया कि ऊपरी मंजिल से अजीब तरह की गंध आ रही थी।

सीसीटीवी फुटेज खंगालने पर खुला राज

संदेश के घर होने वाली लड़ाई-झगड़े की कहानी अधिकतर रिश्तेदारों को पता है। उनके दो छोटे भाई राकेश और आदेश इनके घर के सामने परिवार के साथ रहते हैं। मंगलवार को शाहदरा बड़ा बाजार में साप्ताहिक अवकाश होता है, लेकिन संदेश उस दिन भी अपनी दुकान खोलते थे। मंगलवार को उनकी दुकान बंद देखकर दोनों भाइयों को शक हुआ। दोनों ने अमन से उसके पिता के बारे में पूछा तो उसने कुछ भी बताने से इन्कार कर दिया। जब आदेश ने अमन से कहा कि वह भाई को देखने के लिए उनके कमरे में जा रहे हैं तो अमन ने जाने से रोक दिया।

आदेश ने पहली मंजिल पर अपने हिस्से में किरायेदारों के कारण सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं। इसकी मॉनीट¨रग वह अपने घर से करते हैं। आदेश व अन्य रिश्तेदारों ने संदेश को जगह-जगह ढूंढ़ा, लेकिन वह नहीं मिले। आदेश ने फोन से पुलिस को सूचना दी कि उनके भाई गुम हो गए हैं। साथ ही सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो पता चला सोमवार रात को संदेश दूसरी मंजिल पर अपने कमरे में जाते दिख रहे हैं, लेकिन अगले दिन वह नीचे नहीं उतरे। आदेश को अमन पर शक हुआ। उन्होंने अमन की हर गतिविधि पर ध्यान रखा। भाई का कुछ पता न चलने पर आदेश परेशान रहे।

रात में एक बजे तक वह सीसीटीवी फुटेज देखते रहे कि उन्हें कुछ मिल जाए, तभी उन्होंने सीसीटीवी में देखा कि संदेश की दुकान के बाहर एक कार आकर रुकी और उसमें से अमन का दोस्त निकलकर ऊपर गया। उसके आते ही अमन दूसरी मंजिल से दो बैग उतारकर भू-तल पर लाया। आदेश को यकीन हो गया कि उनके भाई के साथ कुछ गलत हुआ है, उन्होंने तुरंत फोनकर पुलिस को जानकारी दी। साथ ही रिश्तेदारों के साथ मिलकर उन्होंने अमन और उसके दोस्त को पकड़ लिया। पुलिस को एक बैग से संदेश का कटा हुआ सिर मिला, उससे शव की पहचान हुई।

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