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    टीबी के 42 प्रतिशत नए मरीज करते हैं धूम्रपान, 27 प्रतिशत खाते हैं तंबाकू; ढाई गुना खतरा बढ़ा

    Updated: Fri, 30 May 2025 11:38 PM (IST)

    एक अध्ययन से पता चला कि टीबी के रोगियों में तंबाकू का सेवन एक गंभीर समस्या है। 42% मरीज धूम्रपान करते हैं और 27% तंबाकू खाते हैं जिससे टीबी का खतरा बढ ...और पढ़ें

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    टीबी के 42 प्रतिशत नए मरीज करते हैं धूपमान, 27 प्रतिशत खाते हैं तंबाकू।

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। टीबी के 42 प्रतिशत मरीज तंबाकू युक्त सिगरेट, बीड़ी व हुक्का का धूमपान करते हैं। वहीं 27 प्रतिशत मरीज तंबाकू खाते हैं। ऐसे में तंबाकू टीबी का बड़ा कारण बन रहा है। सफदरजंग अस्पताल के कम्यूनिटी मेडिसिन के डॉक्टरों द्वारा किए गए एक मेटा एनालिसिस अध्ययन में यह बात सामने आई है।

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    लिहाजा, धूम्रपान व तंबाकू का सेवन टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में एक बहुत बड़ा बाधक है। इसके मद्देनजर अध्ययन में डॉक्टरों ने टीबी नियंत्रण कार्यक्रम में तंबाकू निषेध को भी शामिल करने की सिफारिश की है। ताकि मरीजों को टीबी की दवा के साथ-साथ तंबाकू छोड़ने के उपाय भी बताए जा सके।

    आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अध्ययन किया गया

    अस्पताल के डाक्टरों का यह अध्ययन मोनाल्डी आर्काइव्स फॉर चेस्ट डिजीज जर्नल में प्रकाशित हुआ है। अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने बताया कि 27 शोध पत्रों के आंकड़ों का विश्लेषण करके यह अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन में फेफड़े के टीबी से पीड़ित 9,593 मरीज शामिल थे। इसमें से 31 प्रतिशत मरीज धूम्रपान व 19 प्रतिशत मरीज धूम्र रहित तंबाकू (गुटखा, पान मसाला व खैनी) इस्तेमाल कर रहे थे। सामान्य लोगों की तुलना में धूमपान करने वालों में टीबी होने का जोखिम ढाई गुना अधिक पाया गया।

    अध्ययन में यह देखा गया कि टीबी के नए मरीज धूम्रपान व तंबाकू का सेवन अधिक करते हैं। इलाज शुरू होने के बाद तंबाकू का सेवन करने वाले मरीजों की संख्या कम हो जाती है। यही वजह है कि इलाज शुरू होने के बाद धूम्रपान करने वाले मरीजों की संख्या घटकर 24 प्रतिशत व तंबाकू का सेवन करने वाले नए मरीजों की संख्या घटकर 19 प्रतिशत हो गई।

    धूम्रपान का धुआं फेफड़े में करता है सूजन

    धूम्रपान का धुआं फेफड़े में जाकर सूजन करता है। इस वजह से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इससे फेफड़े में संक्रमण व टीबी होने का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू का सेवन करने वालों में मरीजों में बीमारी ज्यादा गंभीर होती है। इसलिए डाट्स सेंटर और चेस्ट क्लीनिक में धूमपान व तंबाकू का सेवन करने वाले मरीजों को तंबाकू का सेवन छोड़ने के उपाए भी बताया जाना चाहिए।

    छह से दस वर्ष उम्र कम कर रहा धूम्रपान

    ड\क्टर बताते हैं कि तंबाकू ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर सहित जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का भी बड़ा कारण बन रहा है। पीएसआरआइ अस्पताल के पल्मोनरी क्रिटिकल केयर विभाग के चेयरमैन डा. जीसी खिलनानी ने कहा कि धूम्रपान छह से दस वर्ष उम्र कम कर देता है। कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें फेफड़े के कैंसर के कारण होती है। सीओपीडी (क्रोनिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) जैसी बीमारियां भी मौत का बड़ा कारण बनती है। इसका बड़ा कारण धूमपान है। 90 प्रतिशत मुंह का कैंसर तंबाकू खाने वालों को होता है। ई-सिगरेट भी हानिकारक है।