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नए साल पर मिलेगा तोहफा, 30 नवंबर तक तैयार हो जाएगा कालिंदी कुंज का नया पुल

12 अगस्त 2014 को पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इसकी लंबाई 617 मीटर है। इसके निर्माण में जो एजेंसी लगी हुई थी उसकी ओर काम में लेटलतीफी की गई और एजेंसी पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

By Edited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 09:55 PM (IST)Updated: Sat, 22 Sep 2018 05:10 PM (IST)
नए साल पर मिलेगा तोहफा, 30 नवंबर तक तैयार हो जाएगा कालिंदी कुंज का नया पुल
नए साल पर मिलेगा तोहफा, 30 नवंबर तक तैयार हो जाएगा कालिंदी कुंज का नया पुल

नोएडा (जेएनएन)। यमुना पर कालिंदी कुंज के पास बने ओखला बैराज के समानांतर बनाए जा रहे पुल का निर्माण कार्य 30 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसे नए साल पर वाहन चालकों के लिए खोल दिया जाएगा। पुल का 94 फीसदी काम पूरा हो चुका है। शुक्रवार को मौके पर पहुंचे प्राधिकरण के अधिकारियों ने पुल का काम जल्द से जल्द पूरा करने के लिए एजेंसी को निर्देश दिए।

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काम में लेटलतीफी की गई
दरअसल, 12 अगस्त 2014 को पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। इसकी लंबाई 617 मीटर है। इसके निर्माण में जो एजेंसी लगी हुई थी उसकी ओर काम में लेटलतीफी की गई और एजेंसी पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। एक बार ऐसा भी लगा था कि पुल का ठेका रद हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और निर्माण एजेंसी को हिदायत देते हुए एक लक्ष्य निर्धारित किया गया। यह लक्ष्य जून 2018 का था, लेकिन यहां तक भी काम पूरा नहीं हुआ। इसके बाद इसे दिसंबर 2018 तक का लक्ष्य दिया गया। अब नवंबर 2018 में इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पुल को आम लोगों केे लिए खोल दिया जाएगा।

सीडब्ल्यूपीआरएस ने तैयार किया डिजाइन
यमुना नदी पर नोएडा व दिल्ली के बीच पुल के जरिए नया संपर्क मार्ग बनाने की योजना वर्ष 2010 में शुरू हुई थी। 2011 में पुल के लिए पिलर का डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी पुणे स्थित सेंट्रल वाटर एंड पावर रिसर्च स्टेशन (सीडब्ल्यूपीआरएस) को दी गई। यहां हाईड्रोलिक स्टडी के बाद डिजाइन को मंजूरी दी गई थी। पुल के निर्माण के लिए टेंडरों की प्रक्रिया के जरिए कंपनी का चयन किया गया। निर्माण कार्य शुरू किए जाने के बाद कंपनी ने काफी तेजी से कार्य किया, लेकिन बीच में कार्य बंद कर दिया गया।

दोहरे प्रयोग के लिए बदला गया था डिजाइन
छह लेन के इस पुल का प्रयोग पहले सिर्फ नोएडा से दिल्ली की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए किया जाना था। भविष्य में बढ़ने वाले वाहनों की संख्या और जाम की समस्या को देखते हुए डिजाइन में संशोधन किया गया था। पुल की छह लेन में से दो लेन का प्रयोग दिल्ली से नोएडा की तरफ आने वाले वाहन भी कर सकते हैं। इसके लिए पुल के दोनों किनारों का डिजाइन बदला गया था, जिससे वाहनों को आसानी से निकाला जा सके और पुल पर वाहनों का दबाव एक समय में अधिक न पड़े।

माह के हिसाब से तैयार किया गया लक्ष्य
अगस्त 2018 तक पुल का निर्माण सामान्य तौर पर होता रहा है। अंत के चार माह में युद्धस्तर पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। इसके लिए माह कार्य का लक्ष्य तैयार किया गया। बतौर चार्ट तैयार किया गया, जिसमें एक सितंबर से 30 सितंबर 2018 तक कितना कार्य किया गया, कितना लक्ष्य तय था और कितना शेष रह गया, इसकी समीक्षा की गई। इसी सिलसिले में शुक्रवार को महाप्रबंधक ने टीम के साथ पुल का दिल्ली की ओर से निरीक्षण किया।


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