नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। किराड़ी विधानसभा क्षेत्र राजधानी दिल्ली का एकमात्र ऐसा विधानसभा क्षेत्र है, जहां पर न तो कोई झील है और न कोई पहाड़ी। फिर भी दिन में 24 घंटे, महीने में तीस दिन व वर्ष में 12 महीने यहां जलभराव रहता है। हालात ऐसे हो गए हैं कि घर के चारों और जलभराव हो गया है। घर तक पहुंचने का रास्ता भी बंद हो गया है। लोग घर बंदकर दूसरी जगह चले गए हैं।जलभराव का मुख्य कारण है विधानसभा क्षेत्र में बिना किसी प्लान के अनधिकृत कालोनियां काट दी गई।

छोटी-छोटी गलियों में मनमर्जी से मकान बना दिए गए, लेकिन निकासी के लिए कोई बड़ा नाला नहीं बनाया गया।आबादी के अनुसार जल निकासी के पुख्ता प्रबंध न होने से घरों का गंदा पानी खाली पड़ी दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की जमीन पर भर जाता है।

जानकारों का कहना है कि जब तक यहां पर जल निकासी के पुख्ता प्रबंध न किए जाएं, टूटी गलियों व सड़कों का निर्माण न किया जाए, सड़क, सीवरेज लाइन न डाली जाए, तब तक यहां के लोगों को इसी तरह नारकीय जीवन जीना पड़ेगा।

जलभराव की वजह से यहां पर सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था भी चर्मरा गई है।कई एेसे इलाके हैं, जहां पर पहले बसें चलती थी, लेकिन अब काफी समय से बसें नहीं जा पा रही हैं।वर्षा के दौरान तो इलाके की गलियों में लोग नाव चलाते भी दिखते हैं।हालांकि वर्ष 2021 से पहले से यहां पर सीवर लाइन डालने का कार्य चल रहा है।निकासी के लिए बड़े नाले बनाने का काम भी चल रहा है, लेकिन कुछ महीनों बाद वर्षा का मौसम शुरू हो जाएगा।फिर से लोगों को उन्हीं समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं

किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में इस तरह से कालोनियां काटी गई हैं कि इलाके में एक भी शौचालय नहीं है।इलाके में कोई ऐसी जगह भी नहीं है, जहां पर शौचालय बना दिया जाए।इस वजह से बाजार में खरीदारी करने आने वाले लोगों को काफी दिक्कत होती है।गर्भवती महिलाओं को तो सबसे ज्यादा समस्या होती है।एेसे में सवाल खड़े होना लाजमी है कि आखिर कैसे अधिकारियों की नाक तले कालोनियां काटकर बेच दी गई।

वर्षा के दौरान घरों में भर जाता है पानी

किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में सीवरेज व जल निकासी की सुविधा दिए बिना ही 106 अनधिकृत कालोनियां काट दी गई हैं।वर्षा के दौरान कई कालोनियों के घरों में पानी भर जाता है।जो कई सप्ताह तक नहीं निकल पाता।बुजुर्ग व बच्चे कई दिनों तक घरों में ही कैद हो जाते हैं।चारों तरफ जलभराव होने की वजह से सांप, बिच्छू जैसे जंतु घरों में घुस जाते हैं।

सड़कों का बुरा हाल

सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे और उनमें भरे गंदे पानी की वजह से सड़क लोगों के चलने लायक नहीं बची हैं।हर रोज वाहन चालक गिरकर चोटिल हो जाते हैं।गलियों में कीचड़ पर फिसलकर बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग चोटिल हो जाते हैं।वर्षा के दौरान जलभराव की वजह से सड़कों पर वाहन चलाते समय भी डर लगता है।सड़कों पर भरे दो-दो फीट पानी से गुजरते समय वाहन बीच रास्ते बंद पड़ जाते हैं।ऐसे में दफ्तर के लिए निकले लोगों को गंदे पानी में उतरना पड़ता है।मेन सत्तर फुटा रोड पर खोदाई कर छोड़ दिया गया है।इंद्र एनक्लेव।मुबारकपुर गांव भी जलभराव की चपेट में रहता है।

अंतिम संस्कार करने में होती है दिक्कत

किराड़ी विधानसभा क्षेत्र में मीर विहार जैसे कई इलाके एेसे हैं जहां पर गलियों में चार फीट तक जलभराव हो जाता है।मृतकों को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाने में भी परेशानी होती है।अगर कोई रिश्तेदार दूसरे राज्यों से दिल्ली आते हैं तो उन्हें भी कई बार पड़ोसियों के घर में रुकवाना पड़ता है।किराड़ी के कई इलाकों में तो एेसा हाल है कि घरों के चारों और जलभराव हो रखा है।घरों तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं बचा है।आवाजाही के लिए गलियों में मलबा डालना पड़ता है।यह मलबा भी लोग खुद के पैसों से डलवाते हैं।

जलभराव से ये कालोनियां प्रभावित

जलजमाव होने के कारण भाग्य विहार, प्रवेश नगर, अगर नगर ए, बी, सी, डी व ई ब्लाक, विनय एनक्लेव, लक्ष्मी विहार सहित दर्जनभर कालोनियों के लोग परेशान हैं।कई मकानों में दरारें तक आ चुकी हैं।

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किराड़ी इलाके में घर खरीदना लोगों के लिए अभिशाप साबित होता जा रहा है। कई बार जलजमाव में डूबने से लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा।

-संजय प्रजापति

किराड़ी में हालात इतने भयावह हैं कि बुजुर्ग तो घरों से बाहर ही नहीं निकल सकते।लोगों ने चंदा इकट्ठा करके गलियों में मलबा डलवाया।ताकी कम से कम अगर नगर से भाग्य विहार या रानीखेड़ा की ओर जाने वाले लोगों को आसानी हो सके।

-बाला

जलभराव की वजह से बच्चों के खेलने की जगह नहीं बची है।बच्चे गलियों में खेलने को मजबूर हैं।एेसे में गलियों में से चालक वाहन चलाते समय लापरवाही बरतते हैं।अगर जलजमाव की समस्या खत्म हो जाए तो यहां बच्चों को खेलने के लिए मैदान हो जाए।

-कविता शर्मा

किराड़ी में गंदे पानी जमा होने के कारण लोगों के घरों में पेयजल भी दूषित पहुंच रहा है।यह पानी पीने के योग्य नहीं है।पानी में कचरा आता है।इस वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं।

-शांति देवी

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यह डीडीए की जमीन है।इस पर कालोनी के लोगों के घरों का पानी जा रहा है।यहां से पानी निकालने व पानी निकालने की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी डीडीए की ही है।इस बारे में डीडीए के अधिकारियों से बात की गई थी।डीडीए की ओर से जल निकासी को लेकर काम किया जा रहा है।

-ऋतुराज झा, विधायक, किराड़ी विधानसभा क्षेत्र

Edited By: Abhi Malviya