Positive India: यहां सेवा में न हिंदू न मुसलमान, सबसे बड़ा राहत अभियान
Positive India संघ के आनुषांगिक संगठनों के तीन लाख से अधिक स्वयंसेवक सेवा में जुटे सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल कर रहे हैं समन्वय।
नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। Positive India: विश्व के सबसे बड़े सामाजिक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को धर्म की सरहदों में बांधने की कोशिशें होती हैं। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना से निर्णायक जंग के बीच अब तक का अपना सबसे बड़ा अभियान चलाते संघ के सेवा अभियान में धर्म का कोई स्थान नहीं है। लॉकडाउन से प्रभावित हुए लोगों को सहायता और जागरूकता पहुंचाते इस संगठन के लिए न तो कोर्ई हिंदू है और न कोई मुसलमान।
मानव मात्र की सेवा के संकल्प में हर धर्म, जाति, आयु और वर्ग तक संघ और संघ के 40 से अधिक आनुषांगिक संगठन तथा अन्य वैचारिक संगठन तक युद्ध स्तर पर पूरे देश में मदद पहुंचाने में जुटे हैं। कच्चा-पका भोजन के साथ दूध, रसोई गैस, दिनचर्या के जरूरी सामान, दवाइयां, चिकित्सकीय सहायता पहुंचाने के साथ ही लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। कश्मीर के दुरुह गांव हो या राजस्थान की रेत में बसे गांव, दिल्ली की सघन बस्तियों से लेकर केरल के समुद्री इलाके तक में संघ के स्वयंसेवक बिना किसी स्वार्थ के दिन-रात सेवा दे रहे हैं। जरूरत पड़ने पर अपना रक्त भी दूसरों के जीवन के लिए दान करने में तत्पर हैं। कोरोना से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है। विद्या भारती ने अपने स्कूल आइसोलेशन सेंटर में तब्दील करने की पेशकश की है।
कॉलोनियों, कच्ची बस्ती, सड़क किनारे, बाजार और फैक्ट्रियों में रहने वाले जरूरतमंद की हर कड़ी को इसमें समाहित किया गया है। राज्य सरकारों से लेकर जिला प्रशासन और पुलिस के साथ हाथ से हाथ मिलाकर स्वयंसेवक बढ़ रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग के योद्धा डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के साथ पुलिस, अखबार बांटने वाले और किराना दुकानों पर काम करने वाले लोगों का भी खयाल रखा जा रहा है। इसमें संघ के आनुषांगिक संगठन सेवा भारती के साथ ही भाजपा, विश्र्व ंहदू परिषद, राष्ट्र सेविका समिति, विद्यार्थी परिषद, विद्या भारती, वनवासी कल्याण आश्रम, भारतीय मजदूर संघ व किसान संघ समेत कमोबेश सभी संगठन अलग-अलग या मिलकर अभियान चला रहे हैं। इनके बीच समन्वय का काम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल देख रहे हैं।
देश के सबसे बड़ी आपदा में मदद पहुंचाने में बेसहारा पशु और बेजुबान पक्षियों का भी खयाल रखा जा रहा है। पशुओं को चारा और पक्षियों को दाना दिया जा रहा है। कमोबेश हर राज्य में सेवा भारती, विद्यार्थी परिषद और विहिप का हेल्पलाइन नंबर चल रहा है, जिस पर मदद के लिए रोजाना हजारों फोन आ रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ऋषिपाल डडवाल ने बताया कि वर्तमान में देश में तीन लाख से अधिक स्वयंसेवक सेवा में जुटे हुए हैं। इनमें सेवा भारती से जुड़े 12,500 एनजीओ भी कार्य कर रहे हैं। चिकित्सकों की टीमें काम कर रही हैं। एंबुलेंस दौड़ रही है।
संघ के क्षेत्र प्रचार प्रमुख अनिल कुमार के मुताबिक लेह लद्दाख से लेकर जम्मू-कश्मीर तक के गांव-शहर में हम पहुंच रहे हैं। इसी तरह केरल के हर इलाके में स्वयंसेवक दिन-रात लगे हुए हैं। मुस्लिम बाहुल दिल्ली के ओखला व जामिया जैसे क्षेत्रों में राशन व जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है। इसी तरह सीएए के खिलाफ हुए दंगा क्षेत्र उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास, चांद बाग, करावल नगर शिव विहार, मुस्तफाबाद व जाफराबाद में भी संघ के स्वयंसेवक राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं।