सगाई के लिए कम्यूनिटी सेंटर बुक कराया, युवक को पर्ची मिली- यहां पर 13वीं करो
हैरत की बात यह भी है कि आवेदनकर्ता ने निगम के अधिकारियों से शिकायत की तो संतोषजनक जवाब तक नहीं दिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। जरा सोचिए! कोई व्यक्ति अपनी सगाई के लिए जगह की बुकिंग कराए और उसे तेरहवीं की पर्ची थमा दी जाए तो उस व्यक्ति की मानसिक स्थिति क्या होगी? पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने की सारी हदें पार करते हुए खुशियों से लबरेज व्यक्ति को अनावश्यक तनाव की ओर धकेल दिया।
हैरत की बात यह भी है कि आवेदनकर्ता ने निगम के अधिकारियों से शिकायत की तो संतोषजनक जवाब तक नहीं दिया। आखिरकार, पार्षद तक मामला पहुंचा और बृहस्पतिवार को स्थायी समिति की बैठक में इस मुद्दे पर जबरदस्त हंगामा हुआ।
पार्षदों का आक्रोश बढ़ता देखकर निगम आयुक्त रणवीर सिंह ने आनन-फानन में जांच के आदेश दिए और आश्वस्त कराया कि दोषी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
स्थायी समिति की बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षद सत्यपाल सिंह ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि निगम के अधिकारी भ्रष्टाचार में इतने लिप्त हो चुके हैं कि उनकी करतूत सुनकर ही शर्म से सिर झुक जाए। शकरपुर निवासी एक व्यक्ति ने अपनी सगाई के लिए 18 नवंबर को सामुदायिक भवन बुक कराया था।
उन्होंने 12,500 रुपये नकदी के अलावा पांच हजार रुपये का ड्राफ्ट भी जमा कराया और अगले दिन जब रसीद मांगी तो अधिकारी ने यह कहकर रवाना कर दिया कि आपकी रसीद वेबसाइट पर डाल दी गई है।
वहां से आप निकाल सकते हैं। संबंधित व्यक्ति ने जब वेबसाइट पर रसीद देखी तो हैरान रह गए। रसीद में सगाई के बदले तेरहवीं के लिए जगह बुक कराने का जिक्र था।
रकम पूरी ली, रसीद दी 10 रुपये की
पार्षद सत्यपाल सिंह ने कहा कि सगाई के लिए करीब 18 हजार रुपये में बुकिंग होती है, जबकि तेरहवीं या रस्म पगड़ी के लिए मात्र 10 रुपये लिए जाते हैं।
आवेदनकर्ता से सगाई के लिए जगह के आवेदन के बदले पूरी रकम ली गई और 10 रुपये की रसीद काटकर बाकी रकम हड़प ली गई। इसमें कई कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।
वहीं, नियमायुक्त डॉ. रणवीर सिंह का कहना है कि यदि ऐसा हुआ है तो यह शर्मनाक और हमारी नैतिकता के खिलाफ है। शाहदरा दक्षिण जोन के उपायुक्त अतीक अहमद को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही सतर्कता विभाग से भी जांच कराने को कहा गया है।