पानी की चोरी व बर्बादी का अध्ययन करेगी एनडीएमसी
सर्वे से पता चलेगा कि कहां-कहां क्षतिग्रस्त है पाइपलाइन, रिपोर्ट के बाद दूर की जाएंगी समस्याएं, 28 हजार हैं उपभोक्ता 125 एमएलडी पानी की है खपत
नई दिल्ली (निहाल सिंह)। अधिक से अधिक लोगों को पानी की आपूर्ति करने के लिए पहले इसकी बर्बादी को रोकना सुनिश्चित करना होगा। इसके लिए 10 साल बाद दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षतिग्रस्त पाइपलाइन से पानी के रिसाव को रोकने के लिए सर्वे कराने जा रही है। सर्वे के बाद पाइपलाइन को दुरुस्त करने का काम किया जाएगा।
बता दें कि एनडीएमसी के पास इस समय 28 हजार जल उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 20 हजार घरेलू उपभोक्ता
हैं। एनडीएमसी में कुल 125 मिलियन लीटर डेली पानी की खपत होती है। एनडीएमसी के उपभोक्ताओं में पानी
की समान वितरण प्रणाली लागू करने के लिए यह अध्ययन किया जाएगा। अगले माह एनडीएमसी इससे संबधित निविदा जारी करने की प्रक्रिया पूरी कर लेगी।
एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जल वितरण प्रणाली में अक्सर यह खामी होती है कि जितना पानी प्लांट से उपभोक्ताओं को भेजा जाता है, उसमें से बड़ा हिस्सा या तो चोरी हो जाता है या फिर रिसाव के कारण बर्बाद हो जाता है। ऐसे में इसकी पहचान करना जरूरी है कि कितने हिस्से का रिसाव हो रहा है और कितने हिस्से की चोरी हो रही है। अधिकारी ने बताया कि अध्ययन के बाद जो भी रिपोर्ट सामने आएगी या फिर जो भी कमियां दिखेंगी, उनको दुरुस्त किया जाएगा। ऐसा करने से पानी की बर्बादी रुक जाएगी और एनडीएमसी के निवासियों को पहले से अधिक मात्रा में पानी मिल सकेगा।
24 घंटे जलापूर्ति का है लक्ष्य
एनडीएमसी में अभी 24 घंटे में दो बार ही पानी की आपूर्ति की जा रही है। एनडीएमसी चाहती है कि 24 घंटे जलापूर्ति हो। इसके लिए स्मार्ट मीटर लगाकर पानी की खपत पता करने की योजना पर काम चल रहा है। साथ ही पानी की गुणवत्ता परखने के लिए वाटर क्वालिटी सेंसर भी एनडीएमसी लगाएगी।