सदन में आप का हंगामा, भाजपा ने कहा चर्चा से भाग रहा है विपक्ष
नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी ने कहा कि महापौर ने खुद बार-बार विपक्ष से चर्चा की अपील की लेकिन जिस तरह से विपक्ष महापौर की अपील को नजरअंदाज करता हुआ नजर आया। इसलिए ऐसे मुद्दें लेकर आ रही है जिस पर कोई तथ्य नहीं है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। उत्तरी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता पर कथित रूप से जमीन कब्जा करने की मांग को लेकर बर्खास्त करने की मांग की। प्रदर्शन करते हुए आप के पार्षद महापौर के आसन के समझ आ गए और नारेबाजी करने लग गए। हालांकि, सत्तारुढ़ भाजपा ने विपक्ष को मुद्दाविहीन होने की बात कहते हुए विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया।
दरअसल, सदन की बैठक में शुरू हुई तो विपक्ष के पार्षद कपड़ो में प्ले कार्ड छिपाकर लाए थे। शोक प्रस्ताव और निगमायुक्त संजय गोयल द्वारा घटनात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद आप पार्षदों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी। इसमें वह आदेश गुप्ता के खिलाफ जमीन कब्जा करने की बात कह रहे थे और उन्हें पद से हटाने की मांग कर रहे थे। जिस पर महापौर राजा इकबाल सिंह विपक्षी पार्षदों से बार-बार यह कहकर अपने स्थान पर बैठने की बात कह रहे थे कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन बावजूद महापौर के आसन के सामने आकर विपक्षी पार्षद हंगामा करने लग गए। जिस पर पहले बैठक दस मिनट के लिए स्थगित की गई।
फिर से बैठक शुरू हुई तो एक बार फिर विपक्षी पार्षदों के हंगामे के चलते बैठक में आए प्रस्तावों को बिना चर्चा के ही पारित कर दिया गया। नेता सदन छैल बिहारी गोस्वामी ने कहा कि महापौर ने खुद बार-बार विपक्ष से चर्चा की अपील की, लेकिन जिस तरह से विपक्ष महापौर की अपील को नजरअंदाज करता हुआ नजर आया कि उसके बाद कोई मुद्दा नहीं है। इसलिए ऐसे मुद्दें लेकर आ रही है जिस पर कोई तथ्य नहीं है।
आप नेता चाहते हैं कि सदन की कार्रवाई को बाधित कर जनहित में कार्य न होने दें, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। इसलिए बैठक के लिए जो प्रस्ताव थे उनको पारित कर दिया गया। आप पार्षद नेता प्रतिपक्ष विकास गोयल ने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता जो निगम पार्षद भी हैं उन्होंने एक स्कूल की जमीन पर कब्जा कर रखा है। ऐसे में उनकी सदन की सदस्यता से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले पर हाईकोर्ट ने भी नोटिस दिया है, लेकिन आदेश गुप्ता इस मामले पर चुप बैठे हैं। हमारी मांग थी कि सदन में चर्चा हो, लेकिन महापौर ने चर्चा नहीं कराई।